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पिछला रिकॉर्ड देगा इंग्लिश टीम को जीत का टॉनिक ?

मुंबई में बदलेगी इंग्लैंड की किस्मत ?

FP Staff

पांच टेस्ट मैचों की सीरीज में इंग्लैंड 2-0 से पीछे चल रही है. पूरी सीरीज में अगर राजकोट टेस्ट को छोड़ दे तो इंग्लैंड की बैटिंग भारतीय स्पिनरों के खिलाफ बेबस नजर आई है. लगता नहीं है कि 8 दिसंबर से शुरू हो रहा मुंबई टेस्ट में भी मेहमान टीम को कोई राहत नहीं मिलेगी.


दरअसल मुंबई की वानखेडे स्टेडियम की पिच हमेशा से ही स्पिनर्स को सपोर्ट करती है. रिकॉर्ड उठाकर देख लीजिए यहां पर स्पिनर्स की ही तूती बोलती है. इस बार भी लगता है कि भारतीय स्पिनर्स का शानदार फॉर्म इंग्लैंड के बल्लेबाजों को राहत नहीं लेने देगी.

परेशानियों से घिरी इंग्लैंड की टीम के लिए इकलौती राहत की खबर यह है कि उनका वानखेडे में रिकॉर्ड अच्छा हैं. इंग्लैंड ने यहां पर साल 2006 और 2012 में भारत को करारी शिकस्त दी थी.

2006 में इंग्लैंड ने भारतीय टीम को 212 रन से बड़ी शिकस्त दी. भारतीय बल्लेबाज इंग्लैंड के औसत स्पिनर शॉन उडल के आगे नहीं टिक पाए थे. टेस्ट की दूसरी पारी में उडल ने 4 विकेट लेकर भारतीय पारी को केवल 100 रन पर समेट दिया था.

2012 में भारत का इंग्लैंड के खिलाफ स्पिन दांव खुद पर ही भारी पड़ गया. इंग्लिश स्पिनर मोंटी पनेसर और ग्रीम स्वान ने जबरदस्त गेंदबाजी करते हुए भारतीय बल्लेबाजों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया.

उस टेस्ट मैच की बात करें, तो भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी का फैसला किया, लेकिन पुजारा के 135 रन के बावजूद पूरी टीम केवल 327 रन पर सिमट गई. इंग्लैंड के लिए पनेसर ने 5 और स्वान ने 4 विकेट झटके.

भारत ने अश्विन और प्रज्ञान ओझा से गेंदबाजी का आगाज कराया लेकिन कुक और केविन पीटरसन के आगे उनका कोई जादू नहीं चला. इन दोनों ने भारतीय गेंदबाजों की धुनाई करते हुए शतक जड़े. इंग्लैंड पहली पारी में 413 रन बनाने में सफल रहा.

भारत जब दूसरी पारी में बल्लेबाजी के लिए उतरा तो पिच पूरी तरह से स्पिनर्स को मदद कर रही थी. इसका पूरा फायदा उठाते हुए पनेसर और स्वान ने भारतीय पारी को केवल 142 रन पर समेट दिया. दूसरी पारी में पनेसर ने 6 और स्वान ने 4 विकेट लिये. इंग्लैंड को 57 रन का टारगेट मिला जो इंग्लैंड ने बिना विकेट खोए हासिल कर लिया.

अब सवाल ये है कि इंग्लैंड इस बार ऐसा प्रदर्शन दोहरा पाएगी, क्योंकि इस बार उसके पास न तो इयान बेल और केविन पीटरसन जैसे बल्लेबाज है और न ही पनेसर और स्वान जैसे स्पिनर्स.

मेहमान टीम कप्तान एलिस्टर कुक और जो रूट पर काफी हद तक निर्भर हैं. मिडिल ऑर्डर में बेन स्टोक्स और बेयरस्टो रन जरूर बना रहे है लेकिन उनके भी प्रदर्शन में निरंतरता नहीं है.

गेंदबाजी में भी इंग्लिश टीम कमजोर नजर आ रही है. उनके तेज गेंदबाज जहां विकेट लेने में नाकाम रहे है, वहीं स्पिनर्स भी भारतीय बल्लेबाजों पर दबाव नहीं बना पा रहे हैं.

दूसरी तरफ भारतीय स्पिनर्स का नेतृत्व कर रहे हैं दुनिया के नंबर वन गेंदबाज आर अश्विन. साथ ही रविन्द्र जडेजा और जयंत यादव भी इंग्लैंड के बल्लेबाजों को खासा परेशान कर रहे हैं. तेज गेंदबाज उमेश यादव और मोहम्मद शमी ने भी मेहमान टीम की नाक में दम कर रखा हैं.

बल्लेबाजी की बात करें तो भारतीय टीम के पास दुनिया का चमकता सितारा और भारतीय कप्तान विराट कोहली हैं, जो हर देश के गेंदबाजों के खिलाफ रनों का पहाड़ खड़ा कर रहा हैं. चेतेश्वर पुजारा भी शानदार फॉर्म में हैं. और सबसे अच्छी बात भारत के निचले क्रम के बल्लेबाज भी लगातार रन बना रहे हैं.

अब ये देखना दिलचस्प होगा कि पिछली बार की तरह इंग्लैंड की टीम इस बार भी मुंबई में कमाल करेगी या विराट सेना इस बार इंग्लैंड से पिछली हार का बदला सूद के साथ लेगी.