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सुपर रिन की चमकार में दाग लगाने पर क्यों तुली है विराट की टीम इंडिया

क्रिकेटरों के राज कुंद्रा के साथ प्रदर्शनी फुटबॉल मैच खेलने के लिए तैयार होने पर सवाल

Jasvinder Sidhu

भारतीय टीम और इस खेल के चाहने वालों के लिए इससे अच्छा टाइम क्या होगा. विराट कोहली की टीम लगातार सीरीज जीत रही है. आईसीसी टेस्ट रैंकिंग पर टीम का कब्जा है और जल्द ही टीम वनडे में पांचवें स्थान से ऊपर दिखाई देगी.

भारतीय बुरी चीजों को जल्दी भूलने के अभ्यस्त हैं. पिछले कुछ समय पहले तक भारतीय क्रिकेट आईपीएल में मैच फिक्सिंग को लेकर दुनिया भर की बदनामी का सबब बना. उसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने जो व्यवस्था कि, उससे कभी सबसे सुरक्षित माना जाने वाला बीसीसीआई का किला रेत पर बच्चों के घर की तरह ढह गया.


स्पॉट फिक्सिंग से हिल गई बीसीसीआई

बीसीसीआई अभी तक करीब सौ करोड़ रुपए उस फिक्सिंग का केस लड़ रहे अपने वकीलों को फीस के रूप में दे चुका है. कभी पूरी दुनिया के क्रिकेट के माई-बाप रहे बोर्ड के अधिकारी यतीम हो चुके हैं.

इतना बड़ा संकट बोर्ड या उसके सबसे ताकतवर अधिकारियों ने कभी नहीं देखा जिसने उसकी चूलें हिला कर रख दीं. अगर इस सबके लिए किसी को दोष देना पड़े तो उसे खोजने में चंद सेकेंड लगेंगे.

सुप्रीम कोर्ट 18 जुलाई, 2016 को अपने फैसले में कह चुकी है कि 2013 में राजस्थान रॉयल्स के मालिकों में एक राज कुंद्रा आईपीएल के मैचों में सट्टा लगाने के दोषी हैं. उसके साथ-साथ चेन्नई सुपर किंग्स के गुरुनाथ मय्यपन को भी मैचों में सट्टेबाजी के काऱण मालिकाना हक से वंचित कर दिया गया और दोनों टीमों पर दो साल का प्रतिबंध लगा वह अलग.

अब ऐसे में बीसीसीआई का कोई अधिकारी या खिलाड़ी कभी इन दोनों के साथ खेलने की बात तो दूर उनके बराबर खड़ा भी होने का जोखिम नहीं लेगा.

फुटबॉल के बहाने राज कुंद्रा की क्रिकेट में एंट्री क्यों!

15 अक्टूबर को मुंबई के अंधेरी स्पोर्ट्स सेंटर के मैदान पर क्रिकेटर व अन्य खिलाड़ियों और फिल्मी हस्तियों के बीच फुटबॉल मैच होने जा रहा है. फिल्मी हस्तियों की टीम में आईपीएल में सट्टेबाजी के कारण प्रतिबंधित किए गए राजस्थान रॉयल्स के मालिकों में एक रहे राज कुंद्रा भी हैं. वैसे याद नहीं आता कि राज कुंद्रा ने कभी किसी फिल्म में काम किया है. लेकिन सट्टेबाजी में उनकी कलाकारी पर सुप्रीम कोर्ट की मुहर है.

यह सब जानते हुए भी पता नहीं क्यों विराट कोहली, कप्तान रोहित शर्मा, महेंद्र सिंह धोनी,  शिखर धवन, केएल राहुल, श्रेयस अय्यर और मनीष पांडे सहित टीम इंडिया के कई सदस्य राज कुंद्रा के साथ एक प्रदर्शनी फुटबॉल मैच खेलने के लिए तैयार क्यों हो गए हैं.

2013 की फिक्सिंग के बाद खिलाड़ियों को जो हर बॉल पर शक का सामना करना पड़ा है, उससे सबक लेकर उन्हें पता रहना चाहिए कि जिस बंदे से वह मिलने जा रहे हैं कहीं उसका अतीत उनके खुद के भविष्य को परेशानी में तो नहीं डाल देगा.

सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में कुंद्रा को अपनी टीम के साथ दगा देने का भी दोषी करार दिया था. कोर्ट ने कहा कि बतौर मालिक संचालन के नियमों के तहत उनकी जिम्मेदारी बनती थी कि वह कोई गड़बड़ न होने दें. इसके ठीक विपरीत वह खुद ही क्रिकेट मैचों पर सट्टा लगा रहे थे. कोर्ट की नजर में वह टीम के मालिक हैं और नियम कहते हैं कि मालिक ही फिक्सिंग या सट्टा लगाने का दोषी हो तो उसके खिलाफ सजा है और सच यह है कि उस पर प्रतिबंध लगे. साथ ही उसकी टीम पर भी बैन लगाया जाए.

तो कुंद्रा के इस शौक की वजह से राजस्थान रॉयल्स को दो साल आईपीएल से बाहर बैठना पड़ा. अब ऐसे में भारतीय टीम के स्टार किसी दागी के साथ सैकड़ों कैमरों के सामने मुस्कुराते नजर आते हैं तो सवाल उठने लाजिमी हैं.

वैसे अभी मैच को थोड़ा समय है. शायद टीम मैनेजमेंट का कोई अक्लमंद बंदा इन सभी को समझा दे कि यह गलत है और कुंद्रा से दूरी बनाने में ही भलाई है.

यह भी हो सकता है कि बीसीसीआई ही अपने करारशुदा क्रिकेटरों से कहे कि भई इस बंदे की वजह से हम सब का नाश हो गया है और आप इसके साथ फुटबॉल खेल रहे हैं. यह नहीं चलेगा.