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चैंपियंस ट्रॉफी के सबक : क्या इंग्लैंड से नहीं छीन लेनी चाहिए वर्ल्ड कप की मेजबानी?

बारिश ने कर डाला चैंपियंस ट्रॉफी का मजा किरकिरा, 2019 वर्ल्डकप का रोमांच भी पड़ सकता है फीका

Sumit Kumar Dubey

चैंपियंस ट्रॉफी में ग्रुप ए के मुकाबले में बांग्लादेश के खिलाफ 16 वें ओवर में बल्लेबाजी कर रहे ऑस्ट्रेलियाई कप्तान स्टीव स्मिथ के चेहरे पर तनाव साफ दिखाई दे रहा था. जीत के लिए 100 रन बनाने थे और 35 ओवर बाकी थे.जाहिर है इस तनाव की वजह बांग्लादेशी गेंदबाज नहीं, बल्कि कुछ और थी. यह वजह थी बारिश. 182 रन के आसान लक्ष्य का पीछा करने उतरी ऑस्ट्रेलियाई टीम ने बांग्लादेशी गेंदबाजों को तो पस्त कर दिया लेकिन बारिश ने उनका खेल बिगाड़ दिया. 16 वें ओवर के दौरान शुरू हुई बारिश ने मैच के नतीजे के लिए जरूरी ऑस्ट्रेलियाई पारी के 20 ओवर भी पूरे नहीं होने दिए और कंगारुओं को एक जीते हुए मुकाबले में बांग्लादेश के साथ अंक बांटने पड़े.

चैंपियंस ट्रॉफी में बारिश की वजह से बेनतीजा रहना वाला ऑस्ट्रेलिया का यह दूसरा मैच था. और अब बिना एक भी मुकाबला हारे वनडे की वर्ल्ड चैंपियन टीम के सामने इस टूर्नामेंट से बाहर होने का खतरा मंडराने लगा है. मैच के बेनतीजा रहने के बाद स्मिथ ने अपनी नाखुशी भी जाहिर की. लेकिन ऐसा नहीं है कि बारिश ने महज ऑस्ट्रेलिया के मुकाबलों में ही खलल डाला हो.


चैंपियंस ट्रॉफी में अब तक बारिश कई बार अहम किरदार अदा कर चुकी है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या क्रिकेट वर्ल्डकप के बाद इस दूसरे सबसे अहम टूर्नामेंट की मेजबानी के लिए इंग्लैंड का चयन सही फैसला था ? क्योंकि इस मौसम में पूरे इंग्लैंड में बारिश की आशंका हर वक्त बनी रहती है.

बारिश के चलते धुंधली पड़ रही है चैंपियंस ट्रॉफी की चमक

मौजूदा टूर्नामेंट में अब तक एक तिहाई से ज्यादा मुकाबले खेले जा चुके हैं. लेकिन अब तक टूर्नामेंट का रोमांच अपने चरम नहीं पहुंच सका है.और इसकी एक बड़ी वजह बारिश भी है.अब तक खेल गए छह मुकाबलों में से दो मैच बारिश के चलते बेनतीजा रह चुके हैं. बाकी चार पर भी हमेशा बरसात का खतरा मंडराता रहा. इनमें से एक ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड के बीच का मुकाबला भी है जिसे क्रिकेट की बड़ी राइवलरीज में से एक माना जाता है.

यही नहीं, क्रिकेट की दुनिया के सबसे बड़े मुकाबले यानी भारत और पाकिस्तान के मैच में भी बारिश खलनायक की ही भूमिका में थी.आपसी तनाव के चलते भारत पाकिस्तान बस आईसीसी के मुकाबलों में ही आमने सामने होते हैं और इस मैच से करोड़ों दर्शकों की भावनाएं भी जुड़ी होती हैं. बर्मिंघम में खेले गए इस महा मुकाबले में बारिश ने कई बार खलल डाला. हर बार इस मैच के रदद् होने की आशंका बढ़ती गई.

हालांकि बारिश के देवता टीम इंडिया के साथ उतने क्रूर साबित नहीं हुए और भारत ने पाकितान को मात दे दी. अभी तो इस टूर्नामेंट के आधे मैच भी नहीं खेले गए हैं. ऐसे में जैसै-जैसे यह चैंपियनशिप आगे बढ़ेगी, वैसे-वैसे बारिश का कहर और ज्यादा बढ़ने की आशंका है.

हमेशा बड़े टूर्नामेंट होते हैं बारिश का शिकार

ऐसा नहीं है कि महज इस बार ही इंग्लैंड चैंपियंस ट्रॉफी पर ही इंद्र देवता की तिरछी नजर पड़ी हो. इससे पिछली चैंपियंस ट्रॉफी भी इंग्लैंड में ही खेली गई थी. उस बार भी बारिश अपने पूरे रंग में नजर आई थी. साल 2013 में बारिश ने चैंपियंस ट्रॉफी की सात मुकाबलों में बारिश ने खलल डाला था जिनमें से चार मुकाबलों में डकवर्थ-लुइस के नियम का इस्तेमाल करते हुए मैच को छोटा करना पड़ा था.

इन चार मैचों में भारत-इंग्लैंड के बीच खेला गया चैंपियंस ट्रॉपी का फाइनल भी शामिल था. यानी इंग्लैंड का मौसम चैंपियंस ट्रॉफी जैसे बड़े टूर्नामेंट के लिए मुफीद नहीं है. और सबसे बड़ी चिंता तो दो साल बाद यानी साल 2019 होने वाले क्रिकेट वर्ल्डकप को लेकर है. इंग्लैंड की बारिश तो वर्ल्डकप में भी अपना रंग दिखाएगी जिसके चलते क्रिकेट का सबसे रोमांचक टूर्नामेंट इस खेल को जन्म देने वाले देश में ही अपना रोमांच खो सकता है.