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जिसका फोन ना उठाने का लगा था इल्जाम, उसी साथी के लिए बस ड्राइवर तक बन गए थे धोनी

बतौर कप्तान अपने पहले ही टेस्ट में धोनी ने क्यों की थी टीम बस की ड्राइवरी!

FP Staff

एमएस धोनी भले ही टीम इंडिया की कप्तानी छोड़ चुके हैं लेकिन उनकी कप्तानी के दिनों मे की ऐसे मजेदार वाकिए हुए हैं जो फैंस को के जेहन में अब भी तरोताजा है. अब वीवीएस लक्ष्मण ने एक ऐसी बात का खुलासा किया है जिससे पता चलता है कि बतौर कप्तान धोनी की रवैया अपनी टीम के लिए कितना संवेदनशील था.

लक्ष्मण ने अपनी आत्मकथा में इस बात का जिक्र किया है जो जिससे पता चलता है धोनी कितने अलग कप्तान थे. लक्ष्मण ने खुलासा किया. है नागुपर में जब उन्होंने अपना 100वां टेस्ट खेला तो धोनी उनको सम्मान देने के लिए खुद टीम की बस को ड्राइव करके होटल तक लेकर गए.


लक्ष्मण लिखते हैं, ‘ मुझे अपनी आंखों पर विश्वास नहीं हो रहा था कि टीम का कप्तान हमें ग्राउंड से बस ड्राइव करके होटल तक लेकर जा रहा है.’ अनिल कुंबले के संन्यास लेने के बाद यह बतौर कप्तान यह धोनी का पहला टेस्ट था लेकिन उन्हें दुनिया की परवाह नहीं थी. मुझे धोनी जैसे सकारात्मक और खुशमिजाज इंसान दूसरा नहीं मिला. अपने पहले ही टेस्ट मे धोनी ने जाहिर कर दिया था कि वह किस तरह के कप्तान हैं.’

लक्ष्मण की इस किताब ने उनके और धोनी के रिश्तों की बीच की तल्खी की खबरों पर भी नई रौशनी डाली है. इससे पहले माना जाता था कि लक्ष्मण अपने संन्यास पर फैसला करने से पहले धोनी को फोन करते रहे लेकिन धोनी ने फोन नहीं उठाया. लेकिन लक्ष्मण ने अपनी किताब में यह बात साफ कर दी है धोनी के फोन ना उठाने वाली बात उन्होंने मजाक में कहीं थी और उन्हें अपने संन्यास के सिलसिले में धोनी से कोई गिला-शिकवा नहीं है.