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'हर ऑस्ट्रेलियन के लिए है हमारे पास प्लान'

अजिंक्य रहाणे ने कहा- माइंड गेम भी हो सकता है प्लान का हिस्सा

Bhasha

स्टाइलिश बल्लेबाज अजिंक्य रहाणे छींटाकशी के बारे में ज्यादा चिंतित नहीं है. उन्होंने कहा कि भारतीय टीम ने हर ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी के लिए योजना बनाई है. वे पुणे में गुरुवार से शुरू हो रही चार टेस्ट मैचों की सीरीज के दौरान आक्रामक क्रिकेट खेलने की कोशिश करेंगे.

भारत और ऑस्ट्रेलिया बीते समय में कई बार शब्दों की गहमागहमी में शामिल हुए हैं. कप्तान स्टीवन स्मिथ ने भी स्पष्ट कर दिया है कि उनकी टीम भारतीयों के खिलाफ छींटाकशी करने में हिचकेगी नहीं. हालांकि उप कप्तान डेविड वॉर्नर ने संकेत दिया था कि वे फॉर्म में चल रहे भारतीय कप्तान विराट कोहली पर छींटाकशी नहीं करेंगे.


रहाणे ने कहा, ‘हम नहीं जानते कि वे छींटाकशी करेंगे या नहीं. हमने सभी के लिए कुछ रणनीतियां बनाई हैं. मैं उनकी यहां चर्चा नहीं करूंगा. यह कौशल के आधार पर है या छींटाकशी के आधार पर, लेकिन निश्चित रूप से एक योजना है. हम जानते हैं कि ऑस्ट्रेलियाई टीम ‘माइंड गेम’ खेलती है. हमारा उद्देश्य उन पर हर मायने में दबाव बनाना होगा.’ उन्होंने कहा, ‘हम स्पिनरों के खिलाफ ही नहीं बल्कि सभी गेंदबाजों के खिलाफ सकारात्मक और आक्रामक क्रिकेट खेलना चाहेंगे. अभ्यास मैच और टेस्ट मैच पूरी तरह से अलग होते हैं. इसलिए हमें परिस्थितियों को अच्छी तरह पढ़ना होगा और हालात के अनुरूप खेल दिखाना होगा, यही अहम होगा.’

'विपक्षी के बजाय अपनी मजबूती पर ध्यान'

रहाणे ने कहा कि भारत टेस्ट सीरीज के दौरान अपने प्रतिद्वंद्वी के संयोजन के बारे में नींद खोने के बजाय अपनी मजबूती पर ध्यान लगाना चाहेगा. उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलियाई टीम भारत आई है और वे टर्निंग पिच की उम्मीद कर रहे होंगे. इसलिए तीन तेज गेंदबाज और पांच स्पिनर्स के साथ आए हैं. लेकिन हमारे लिए अपनी क्षमता के अनुरूप खेलना और उनके गेंदबाजी आक्रमण व रणनीतियों पर ध्यान नहीं लगाना महत्वपूर्ण है. प्रत्येक टीम सदस्य के लिए अपनी रणनीति के अनुसार चलना अहम है.’

रहाणे ने कहा, ‘यह अलग तरह का विकेट होगा. हमें देखना और इंतजार करना होगा. एक बार पहला दिन निकल जाए तो हमें पता चल जायेगा कि यह पांच दिन में कैसा व्यवहार करेगा.’ विभिन्न प्रारूपों में खेलने के बारे में सवाल पूछने पर रहाणे ने कहा, ‘आप जिस भी प्रारूप में खेलते हो, आप अपनी टीम के लिए अपना सर्वश्रेष्ठ देना चाहते हो, भले ही यह टी20 हो, टेस्ट हो या फिर वनडे. लेकिन अगर आप दो या तीन प्रारूपों में खेल रहे हो तो यह सिर्फ मानसिक रूप से सामंजस्य बिठाना है. यह तकनीकी से तालमेल के बजाय मानसिक सामंजस्य बिठाना है.’