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Ranji Trophy: विदर्भ का लकी चार्म है यह अनुभवी खिलाड़ी, पहले था मुंबई की किस्‍मत

Ranji Trophy: 40 साल के वसीम जाफर ने दस बार रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेला है और हर बार टीम ने खिताब जीता

FP Staff

अधिकतर खिलाड़ियों का कुछ ना कुछ लकी चार्म होता ही है. बिना नंबर की जर्सी, लाल रूमाल ये सब खिलाड़ियों का लकी चार्म है. कुछ एक बार तो पूरी टीम का ही कोई लकी चार्म बन जाता है और विदर्भ के हाथ मुंबई का वही लकी चार्म हाथ लग गया है. सबसे ज्‍यादा बार रणजी ट्रॉफी का खिताब जीतने वाली मुंबई के पास ये लकी चार्म करीब 18 साल रहा और मुंबई के आठ खिताब में अपना अहम योगदान दिया, लेकिन पिछले दो सीजन से मुंबई की यह किस्‍मत विदर्भ के पास चली गई है और देखिए विदर्भ को, लगातार दो बार रणजी ट्रॉफी का खिताब अपने नाम कर लिया. इस लकी चार्म का नाम है वसीम जाफर. जिनके लिए उम्र महज एक नंबर है. 40 साल की इस उम्र में भी वह एक युवा की तरह बल्‍लेबाजी करते हुए नजर आते हैं.


जाफर ने अब तक दस बार रणजी ट्रॉफी का फाइनल खेला है और हर बार उनकी टीम ने खिताब जीता है. इसमें आठ बार मुंबई तो दो बार विदर्भ के लिए खिताबी मुकाबला खेला. गुरुवार को विदर्भ को मिली जीत के साथ ही जाफर का परफेक्‍ट 10 भी पूरा हो गया है. दस बार रणजी चैंपियन का हिस्‍सा बनकर जाफर ने मनोहर हार्दिकर और दिलीप सरदेसाई के रिकॉर्ड की बराबरी कर ली है. हालांकि चसबसे अधिक बार रणजी ट्रॉफी विजेता टीम का हिस्‍सा होने का रिकॉर्ड अशोक मांकड़ के नाम हैं. वह 12 बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन टीम का हिस्‍सा रहे. उनके बाद अजीत वाडेर (11) दूसरे नंबर पर हैं.

चोट के बाद विदर्भ टीम में आए जाफर

2016- 2017 में घुटने की चोट के कारण जाफर को घरेलू क्रिकेट से काफी समय तक दूर रहना पड़ा था. जब उन्‍होंने चोट से वापसी की तो काफी लोग इस 40 वर्षीय अनुभवी बल्‍लेबाज को अपने राज्‍य की टीम का प्रतिनिधित्‍व करने का मौका नहीं देना चाहते था. यही नहीं उनकी कंपनी इंडियन ऑयल को भी महूसस होने लगा था कि उनमें अब ज्‍यादा क्रिकेट नहीं बचा है और वह उन्‍हें ऑफिस में बैठकर डेस्‍क पर काम करने की सलाह देने लगे थे. हालांकि जाफर को विदर्भ से खेलने का मौका मिला. जाफर ने मुंबई टीम का साथ छोड़ने के बाद 2015-2016 सीजन में पहली बार विदर्भ से जुड़े थे.