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जब सचिन हुए थे हूट.. और जब आंसुओं में डूबा था स्टेडियम

तेंदुलकर के रिटायरमेंट मैच के बाद वानखेडे स्टेडियम में पहला टेस्ट

Shailesh Chaturvedi

तीन साल हो गए. वो दोपहर कोई नहीं भूल सकता. सचिन तेंदुलकर के रिटायरमेंट का दिन था. भारत और वेस्टइंडीज के बीच टेस्ट. वानखेडे स्टेडियम पर इसके बाद पहली बार दो टीमें टेस्ट क्रिकेट के लिए इकट्ठा हुई हैं. 16 नवंबर 2013 के उस दिन से पहले हम चलते हैं कुछ साल और पहले. 2006 की बात है, मार्च का महीना था. सचिन तेंदुलकर का क्रिकेट करियर 17 साल का हो गया था. अपने घर में वो इंग्लैंड के ही खिलाफ खेल रहे थे. जो तब तक दुनिया में कहीं नहीं हुआ था, वो उस रोज वानखेडे स्टेडियम में हुआ. मास्टर ब्लास्टर को हूट किया गया था.


मुझे याद है वो मैच. दर्शकों के बीच थोड़ी नाराजगी सचिन की पारी के दौरान ही दिखने लगी थी. इसे देखकर पूरा प्रेस बॉक्स सन्न था. आखिर सचिन भी मुंबईकर हैं और मुंबई के लोग अपनों के साथ ऐसा सुलूक कैसे कर सकते थे! वो भी सचिन तेंदुलकर के साथ, जो दुनिया के बेहतरीन बल्लेबाजों में शुमार होते थे.

कांच की दीवारों से बंद प्रेस बॉक्स में बाहर की आवाजें नहीं आ रही थीं, तो हम कुछ लोग उठकर बाहर आ गए थे. प्रेस बॉक्स के साथ वाले स्टैंड में. भारत की पहली पारी थी. सचिन करीब 33 मिनट तक क्रीज में रहे. महज एक रन बनाया. 21 गेंद की पारी में वो विकेट के पीछे कैच देकर जेम्स एंडरसन की गेंद पर आउट हुए थे. जेम्स एंडरसन दस साल बाद हो रहे मैच में भी दिखाई देंगे.

दर्शकों ने किया था सचिन को हूट

सचिन आउट होकर पैवेलियन की तरफ बढ़े और दर्शकों की तरफ से बू.... बू... की आवाज आई. सचिन को हूट किया जा रहा था. करियर में पहली बार. थोड़ा नीचे वीआईपी स्टैंड था, जहां बैठे अपने समय के दिग्गज क्रिकेटर फारूख इंजीनियर अपनी आंखों पर भरोसा नहीं कर पा रहे थे. उस वक्त उन्होंने कहा था, ‘मैंने नहीं सोचा था कि सचिन को दुनिया में कहीं भी ऐसा दिन देखना पड़ेगा. ये तो उनका घर है!’ इंग्लैंड की टीम और कमेंटेटर भी समझ नहीं पा रहे थे कि हो क्या रहा है. हालांकि हमें याद रखना चाहिए कि 1987 के विश्व कप सेमीफाइनल में इंग्लैंड के फिलिप डिफ्रेटस की गेंद पर जब सुनील गावस्कर आउट हुए थे, तो उन्हें भी वानखेडे की जनता ने बख्शा नहीं था. गावस्कर का वो आखिरी इंटरनेशनल मैच था.

जब आंसुओं में डूबा था वानखेडे

2006 के सात साल बाद वो दिन आया, जब सचिन आखिरी बार इंटरनेशनल क्रिकेट में उतर रहे थे. सचिन ने पिच को प्रणाम किया था. आखिरी बार एक क्रिकेटर के तौर पर वो उस दिन  मैदान पर थे. ऐसा लग रहा था कि हर वीआईपी उस रोज वानखेडे में था. फिल्म इंडस्ट्री से लेकर राजनीति के दिग्गजों तक हर कोई. सचिन ने अपना भाषण पूरा किया. स्टेडियम भावुक था. आखें पोंछते लोग दिखाई दे रहे थे. भाषण खत्म किया. खुद सचिन भी भावुक थे. विराट कोहली ने उन्हें कंधों पर उठा लिया. ठीक वैसे ही, जैसे उन्होंने 2011 की वर्ल्ड कप जीत के बाद किया था.

विराट ने सचिन को दिया था ‘गिफ्ट’

ड्रेसिंग रूम में भी चुपचाप बैठे सचिन के पास विराट कोहली गए थे. उनके हाथ में एक धागा था, जो उनकी कलाई में बंधा होता था. विराट ने सचिन को वो धागा देते हुए कहा, ‘ये मेरे पिता ने मुझे दिया था. आज मैं आपको देना चाहता हूं.’ विराट ने सचिन के पांव छुए. सचिन ने उन्हें गले से लगा लिया था. वो माहौल शायद ही आगे किसी भी क्रिकेटर के लिए नजर आएगा, जो उस रोज वानखेडे में था. 16 नवंबर से अब तारीख 8 दिसंबर होगी, जब भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का चौथा टेस्ट शुरू होगा. जब भारतीय टीम मैदान पर उतरेगी, तो उन्हें जरूर तीन साल पहले का दिन याद आएगा.