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आखिर कंगारू टीम को उल्टी पट्टी क्यों पढ़ा रहे हैं माइकल क्लार्क!

मैदान पर शराफत दिखा कर ऑस्ट्रेलिया को कुछ हासिल नहीं होगा- क्लार्क

FP Staff

बॉल टेंपरिंग कि घटना के बाद क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया में हुए बदलाव और ऑस्ट्रेलियाई टीम के बदले हुए रवैये की खूब चर्चा हो रही है., कहा जा रहा है कि अब कंगारू टीम मैदान पर अपन उस आक्रामकता को छोड़ देगी जो इसकी पहचना रही है. लेकिन पूर्व कंगारू कप्तान माइकल क्लार्क इससे सहमत नहीं हैं.

पूर्व कप्तान माइकल क्लार्क ने वर्तमान टीम को भारत के खिलाफ घरेलू टेस्ट श्रृंखला में ‘ऑस्ट्रेलियाई शैली की कड़ी क्रिकेट खेलने’ की सलाह देते हुए कहा कि मैदान पर अच्छा इंसान बने रहने पर बहुत अधिक जोर देने से कुछ भी हासिल नहीं होगा.


ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेटरों को निर्मम क्रिकेट खेलने के लिये जाना जाता रहा है लेकिन गेंद से छेड़छाड़ मामले के बाद उन्होंने मैदान पर अपनी आक्रामकता को कम किया है. उनके इस रवैये की विश्व कप विजेता कप्तान क्लार्क ने आलोचना की है.

क्लार्क ने मैक्वरी स्पोर्ट्स रेडियो से कहा, ‘मुझे लगता है कि ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट को पसंदीदा बनने की चिंता छोड़ देनी चाहिए. ऑस्ट्रेलियाई शैली की कड़ी क्रिकेट खेलो चाहे कोई पसंद करे या नहीं, यह हमारे खून में है. ‘

उन्होंने कहा, ‘अगर आप अपनी इस शैली को छोड़ने की कोशिश करते हो तो हो सकता है कि हम दुनिया की सबसे पसंदीदा टीम बन जाएं लेकिन हम मैच नहीं जीत पाएंगे. खिलाड़ी जीतना चाहते हैं.’

क्लार्क ने इस संदर्भ में निलंबित डेविड वॉर्नर का उदाहरण दिया जो आक्रामक होने पर अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हैं.

(With Agency Input)