टेस्ट क्रिकेट में चार खिलाड़ी लगभग एक ही समय पर विश्व क्रिकेट में आए थे. आज वो चारों कप्तान हैं. इंग्लैंड के कप्तान जो रूट, न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन, ऑस्ट्रेलिया के कप्तान स्टीवन स्मिथ और भारतीय कप्तान विराट कोहली. इनमें से दो आपस में भिड़े हुए हैं. स्टीवन स्मिथ और विराट कोहली के बीच डीआरएस की जंग क्या मैदान पर खुद को एक-दूसरे को बेहतर साबित करने की कोशिश का हिस्सा है?
इन दोनों के लिए ही पिछला साल बेहतरीन रहा था. स्मिथ ने 11 मैचों में 1079 रन बनाए थे. औसत 71.93. दूसरी तरफ विराट कोहली ने पिछले साल 12 मैचों में 1215 रन बनाए थे. 75.93 की औसत से. इस लिहाज से भी भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच सीरीज को दो टीमों के बीच मुकाबले के अलावा इन दोनों के बीच मिनी मुकाबला माना जा रहा था.
यकीनन पहले दो टेस्ट के बाद स्टीव स्मिथ काफी आगे हैं. विराट कोहली के दो मैच की चार पारियों में महज 40 रन हैं. उनका बेस्ट स्कोर 15 रन है. दूसरी तरफ स्टीव स्मिथ के दो मैचों में 172 रन हैं. उनसे आगे सिर्फ केएल राहुल ही हैं. स्मिथ एक शतक जमा चुके हैं और उनकी औसत 43 है.
कौन है बेस्ट, हमेशा से रही है ये बहस
बल्लेबाजों के बीच इस तरह की तुलनाएं हमेशा क्रिकेट का हिस्सा रही हैं. इसे तमाम लोग गलत मानते रहे हैं. लेकिन गलत मानने वाले भी कभी न कभी बताते रहे हैं कि उनके मुताबिक दुनिया का बेहतरीन बल्लेबाज कौन है. याद है, जब इंजमाम उल हक को इमरान खान ने सचिन से बेहतर करार दिया था, तो किस तरह की प्रतिक्रिया हुई थी? भारतीय प्रशंसक बेहद नाखुश थे. सचिन के वक्त ब्रायन लारा के साथ लगातार उनकी तुलना की जाती रही. उस दौर में तमाम लोग श्रीलंका के अरविंद डि सिल्वा को सबसे अच्छा मानते रहे.
भले ही डि सिल्वा के रिकॉर्ड उनके पक्ष में गवाही न देते हों, लेकिन हर कोई मानेगा कि उन्हें बल्लेबाजी करते देखना खूबसूरत लम्हों की तरह था. फिर ऑस्ट्रेलिया के रिकी पॉन्टिंग आए, तो माना जाने लगा कि सचिन का रिकॉर्ड तो वही तोड़ेंगे. यह अलग बात है कि पॉन्टिंग के फॉर्म में गिरावट आई, तो अचानक बहुत तेजी से वो नीचे गिरे.
विराट से बेहतर है स्मिथ का रिकॉर्ड
अब बात होती है कि विराट सारे रिकॉर्ड अपने नाम करेंगे. 56 टेस्ट मैचों में 4491 रन और 49.90 की औसत उनके दावे को मजबूत करते हैं. स्टीव स्मिथ का रिकॉर्ड उनसे कहीं बेहतर है. 52 टेस्ट मैचों में 4924 रन, औसत 59.32 है. जो रूट और केन विलियमसन भी औसत के मामले में फिलहाल विराट से बेहतर हैं. लेकिन अभी बाकी दो की बात इसलिए ज्यादा नहीं, क्योंकि मुकाबले में स्मिथ और विराट हैं.
ऐसे में जब सीरीज 1-1 से बराबर है, उसी वक्त विराट कोहली ने स्टीव स्मिथ पर हमला बोला है. डीआरएस के मामले में उन्होंने कप्तान को निशाना बनाकर पूरी ऑस्ट्रेलियन टीम को डिफेंसिव करने की कोशिश की है. याद रखना चाहिए कि कुछ इसी तरह की रणनीति हमेशा से ऑस्ट्रेलियन टीम की होती है. इसे वो माइंड गेम कहते हैं. हमेशा से ऑस्ट्रेलिया का ये तरीका रहा है कि वो विपक्षी टीम के बेस्ट खिलाड़ी पर हमला बोलते हैं. ऐसा भारत के साथ भी किया जाता रहा है. अब विराट माइंड गेम के मामले में भी विपक्षी से आगे निकलने की कोशिश कर रहे हैं.
क्या अब भारतीय टीम उसी का जवाब दे रही है? डीआरएस का मामला क्या इसी से जुड़ा हुआ है? विराट ने बेंगलुरू टेस्ट के बाद स्मिथ पर हमला बोला था. उन्होंने बगैर शब्द का इस्तेमाल किए ये साफ कर दिया था कि ऑस्ट्रेलियाई कप्तान बेईमानी कर रहे हैं.
आक्रामकता के बीच खुद को बेहतर साबित करने की कोशिश
विराट के इस हमले से याद आती है सौरव गांगुली की, जिन्होंने विपक्षी कप्तान स्टीव वॉ को चिढ़ाने के लिए बहुत कुछ किया था. उस सीरीज को भारतीय टीम के आक्रामक अवतार के लिए जाना जाता है. इसी को विराट ने आगे बढ़ाया है. कप्तान या टीम के अलावा मुद्दा इन दोनों के बीच भी है.
डीआरएस में स्मिथ ने गलती की या बेईमानी, ये अलग मुद्दा है. लेकिन जिस शिद्दत से भारतीय कप्तान ने पूरा मुद्दा उठाया, क्या वो इन दोनों के बीच की प्रतिद्वंद्विता को और बढ़ाएगा? अगर ऐसा होता है, तो अगले कुछ समय में बहुत रोचक टक्कर देखने को मिल सकती है. टीमों के बीच नंबर एक की दौड़ तो चल ही रही है. अब बारी दो बल्लेबाजों के बीच मुकाबले की है, जो जाहिर है क्रिकेट दुनिया में और रोमांच भरेगा.