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चेन्नई टेस्ट से पहले विराट की खास बातें

विराट बोले- सीरीज जीत लेने से मैच की शिद्दत पर कोई असर नहीं होगा

Vivek Anand

शुक्रवार से भारत और इंग्लैंड के बीच सीरीज का पांचवां टेस्ट शुरू हो रहा है. सीरीज भारत पहले ही जीत चुका है. चार टेस्ट मैचों के बाद उसे 3-0 की बढ़त हासिल है. ऐसे में चेन्नई टेस्ट में टीम इंडिया क्या कुछ करना चाहती है. कप्तान विराट कोहली ने मीडिया से बात की. कुछ अहम बातों पर उनकी राय-

शिद्दत कम नहीं होगी


हम हमेशा एक समय में एक मैच के हिसाब से ही खेलते हैं. हम इसे पूरी सीरीज की तरह नहीं देख रहे हैं. हर मैच दूसरे से अलग होता है. हर मैच में हम पूरी कोशिश करते हैं, भले ही सीरीज जीते हों, ड्रॉ हो या हार गए हों. हम स्कोरलाइन की तरफ नहीं देख रहे हैं. टेस्ट और सीरीज जीतने के लिए कड़ी मेहनत लगती है. हम पूरी टीम के लिए बेहतर होने के प्रोसेस पर यकीन रखते हैं. ऐसा हम लगातार करते आए हैं.

निचले क्रम ने दी पांच बल्लेबाजों के साथ उतरने की आजादी

हमारे गेंदबाजों का बल्ले के साथ योगदान शानदार रहा है. अश्विन ने बाकी स्पिनर्स के लिए एक बेंचमार्क सेट किया है कि वे बल्ले से भी योगदान दें. जडेजा ने मोहाली में ऐसा किया. जयंत को भी अश्विन से प्रेरणा मिली है. उन्होंने अपनी क्रिकेट में बहुत सुधार किया है. वह हमेशा से सीखने की इच्छा रखने वाले खिलाड़ी रहे हैं. आप सभी तेज गेंदबाजों को ही देख लीजिए. मोहम्मद शमी, भुवनेश्वर कुमार यहां तक कि उमेश ने भी बल्लेबाजी में काफी सुधार किया है. वे इन रन की अहमियत समझते हैं. अमित मिश्रा जब भी खेले हैं, उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया है. एक कप्तान के तौर पर इससे पांच बल्लेबाजों के साथ खेलने की आजादी मिलती है. बजाय इसके कि एक और बल्लेबाज को खिलाया जाए. बल्ले के साथ इस तरह के प्रदर्शन का श्रेय पूरी तरह इन लोगों को जाता है. गेंदबाज 120-130 रन का योगदान दे रहे हैं. यह किसी एक्स्ट्रा बल्लेबाज को खिलाने जैसा ही है.

बगैर छक्का लगाए दोहरा शतक जमाने के बारे में

मैंने अपनी आक्रामकता पर लगाम लगाई है. मेरा मन होता है कि स्पिनर्स पर आक्रमण करूं. लेकिन मुझे समझ आता है कि मेरा क्रीज पर टिकना जरूरी है. मुझे लगता है कि छक्के मारने की जरूरत नहीं है. यह सिर्फ 150 या 160 पर पहुंच चुके खिलाड़ी के लिए अपना रोमांच दिखाने का तरीका होता है. मैं लगातार स्ट्राइक रोटेट कर सकता हूं. बड़ा जोखिम नहीं ले सकता, क्योंकि इससे टीम को नुकसान होगा. खासतौर पर जब हम पांच बल्लेबाजों के साथ खेल रहे हैं. यह मेरी जिम्मेदारी है कि प्लान के अनुसार खेलूं. इस तरह नहीं कि जैसा मेरा मन हो, वैसा खेलूं. यह समझने की बात है कि टीम की जरूरत क्या है. आपको उसके मुताबिक खुद को ढालना होगा.

जयंत यादव के बारे में

जब भी हमें रन की जरूरत होती है, अश्विन और जडेजा आगे दिखाई देते हैं. जब भी विकेट की जरूरत होती है, तब भी वे तेज गेंदबाजों के साथ दबाव बनाते हैं. अब जयंत भी आए हैं और उनके अपने प्लान हैं. गेंदबाजी पर उनका अच्छा नियंत्रण है. वह बल्लेबाज को एडजस्ट होने का मौका नहीं देते. ग्रैम स्वॉन उन्हीं के जैसे थे. बिना ज्यादा फ्लाइट दिए पेस पर नियंत्रण बहुत अच्छा है. एक कप्तान के तौर पर मुझे पता है कि मेरे पास तीसरा गेंदबाज है, जिस पर विपक्षी बल्लेबाज आजादी नहीं ले सकते.