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'दुश्मन नंबर वन' के लिए क्या है ऑस्ट्रेलिया का प्लान

जुबानी जंग में विराट को निशाना नहीं बनाएंगे ऑस्ट्रेलियन!

FP Staff

ऑस्ट्रेलियन टीम के लिए क्रिकेट का मतलब महज खेल नहीं होता. इसका मतलब ‘टेस्ट’ होता है. टेस्ट आपकी क्षमताओं का. जिसमें मानसिक क्षमता भी शामिल हैं. इसी लिहाज से वे हमेशा विपक्षी टीम के टॉप खिलाड़ी को स्लेजिंग यानी छींटाकशी के लिए चुनते हैं.

उम्मीद यही थी कि विराट कोहली पर हमला बोला जाएगा. ऐसा ऑस्ट्रेलिया ने पहले किया भी है. लेकिन इस बार वो शायद ऐसा नहीं करने वाले.


कम से कम पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज माइकल हसी को ऐसा लगता है कि कोहली को जुबानी जंग का निशाना बनाना ऑस्ट्रेलिया के लिए अच्छा नहीं होगा.

ऑस्ट्रेलियाई टीम को भारत में चार टेस्ट मैचों की सीरीज खेलनी है. विराट के साथ भारतीय टीम पिछले 18 टेस्ट मैचों से अजेय है. इस बीच उसने श्रीलंका और वेस्टइंडीज में सीरीज जीती हैं. इनके अलावा दक्षिण अफ्रीका, न्यूजीलैंड और इंग्लैंड के खिलाफ अपने घर में भी सीरीज जीती है.

टेस्ट क्रिकेट में भारत के नंबर वन होने में कप्तान की फॉर्म का बड़ा योगदान रहा है. 2016 में 28 साल के विराट ने तीन दोहरे शतक लगाए हैं. इस साल उनकी औसत करीब 76 की रही है. कोहली को मैदान पर भिड़ने से कभी गुरेज नहीं रहा है. उन्हें आग का जवाब आग से देने वाला जाना जाता है. विराट पहले कह चुके हैं कि मैदान पर छींटाकशी से उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता.

हसी ने क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया की वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा है कि मैं कभी उन्हें छेड़ना नहीं चाहूंगा. उन्हें भड़काने का मतलब है कि वो और बेहतर प्रदर्शन करते हैं.

भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पहला टेस्ट पुणे में 23 फरवरी से शुरू हो रहा है. हसी ने कहा, ‘उन्हें मैदान पर भिड़ना और हमेशा मुकाबले में रहना पसंद है. ऐसे में उनसे जुबानी जंग की कोई जरूरत नहीं है. ऐसा होने पर वो और बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं.’

माइकल हसी.

विराट कोहली कप्तानी से पहले अपने गुस्से के लिए जाने जाते रहे हैं. ऑस्ट्रेलिया में भी ऐसी घटना हुई है, जब उन्होंने आपा खोया. उन्हें 2012 में आधी मैच फीस से हाथ धोना पड़ा था. दर्शकों के लगातार हूट करने से वो नाराज थे. सिडनी टेस्ट में उन्होंने दर्शकों की तरफ उंगली दिखाकर अभद्र इशारा किया था.

माइक हसी उन पूर्व ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाजों में है, जिनको स्पिन होती दक्षिण एशियाई पिचों पर कामयाबी मिली है. 41 साल के हसी ने कहा, ‘मैं सुनिश्चित करना चाहूंगा कि हमारे पास साफ योजना है. हम उसे आजमाएं जितना संभव हो, उस योजना पर टिके रहें. जरूरत से ज्यादा बात करने से कई बार आप अपना कंसंट्रेशन खो देते हैं. जरूरी ये है कि अपनी स्किल दिखाई जाए.’

हसी ने कहा, ‘मैच वो टीम जीतती है, जो अपनी स्किल का मुजाहिरा अच्छे और लंबे समय तक करती है. ऐसी टीम नहीं, जो जरूरत से ज्यादा बात करती हो और आक्रामक हो.’ पिछली बार ऑस्ट्रेलियन टीम का भारत दौरा करीब पांच साल पहले था, जब भारत ने सीरीज 4-0 से जीती थी. पिछले साल श्रीलंका ने भी ऑस्ट्रेलिया को हराया था.

हसी को लगता है कि अगर ऑस्ट्रेलिया को जीतना है, तो कोहली को खामोश रखना है. उन्होंने कहा, ‘ऑस्ट्रेलियन नजरिए से कोहली लोगों के लिए दुश्मन नंबर एक हैं. ऐसे में उन्हें जल्दी आउट करना जरूरी है. अगर वो टिक जाते हैं, तो बड़ा स्कोर बनाते हैं. इस वक्त उनका भरोसा आसमान छू रहा है. उन्हें माहौल का अच्छी तरह पता है. आमतौर पर वो जब भी अच्छा खेलते हैं, भारत जीतता है.’