क्या कप्तान विराट कोहली के अंदर गली में क्रिकेट खेलने वाले उस जिद्दी बच्चे जैसी आदत पनप रही है जो किसी भी सूरत में पूरी बैटिंग लेने पर अड़ जाता है? क्या भारतीय टीम को इंग्लैंड दौरे पर पिछले दो साल में विराट की जवां होती इस आदत का फायदा मिलेगा?
विराट के पिछले दो साल के रिकॉर्ड पर निगाह डालने से यही लगता है कि मिलना चाहिए. 2017 और 2018 में विराट ने 32 वनडे मैच खेले हैं. इसमें वह 10 बार मैच के आखिरी ओवर तक बल्लेबाज करके गए हैं. चार पारियों में उनका शतक भी बना है. इस दौरान नौ शतक और तीन अर्धशतक भी उनके नाम के आगे घर बना चुके थे.
सुकून देने वाली बात है कि उनका इंग्लैंड का पिछले साल और इस साल दक्षिण अफ्रीका का दौरा ऐसी ही वनडे की पारियों से लबालब है. विराट कोहली और उनकी टीम 27 तारीख से आयरलैंड के खिलाफ पहला वनडे खेलने के साथ की इंग्लैंड के लंबे दौरे का आगाज करेगी.
पुराने रिकॉर्ड को भुलाना चाहते हैं कोहली
टीम ऐसे समय में इंग्लैंड खेलने पहुंची है, जब वहां के लोगों ने सर्दी को मुंह चिढ़ाने वाली अपनी मोटी-मोटी जैकेटें अलमारी में रख दी हैं और सूखी पिचों पर रनों के बारिश हो रही है.
यकीनन भारतीय टीम के लिए यह अच्छे संकेत हैं. कप्तान के लिए भी यह माहौल काफी हौसला देने वाला है, क्योंकि वह 2014 के अपने दौरे के टेस्ट मैचों के आंकड़ों पर निगाह डालते होंगे तो उनके शरीर में सिरहन जरूर दौड़ती होगी.
उस दौरे में चार मैचों की वनडे सीरीज में विराट एक बार भी 50 रन के करीब नहीं पहुंचे. कुल मिला कर पूरी सीरीज में वह 77 बॉल ही खेले. मौसम के साथ विराट की खुद की फॉर्म भी बदल चुकी है.
वह अपने जीवन की उस श्रेष्ठ फॉर्म में हैं कि उनके क्रीज पर आने के बाद सामने वाले कप्तान के लिए मौन उनकी बल्लेबाजी देखने के सिवाय कोई चारा नहीं हैं. 12 जुलाई से शुरू हो रही तीन वनडे मैचों की सीरीज में भारतीय कप्तान से रनों की उम्मीद के मजबूत कारण भी हैं.
पिछले साल जून में ही वह इंग्लैंड में चैंपियंस ट्रॉफी खेल रहे थे. पाकिस्तान के खिलाफ बर्मिघंम में 81 रन की पारी से शुरू हुआ सफर विराट ने कई माइलेज पॉइंट बटोरने के साथ खत्म किया. चैंपियंस ट्रॉफी के पांच में से तीन मैचों में वह 81, 76 और 97 रन बना कर बिना आउट हुए ड्रेसिंग रूम में लौटे.
इंग्लैंड की पिचों पर कोहली ने की है लंबी बल्लेबाजी
रनों के अलावा इंग्लैंड की पिचों पर उनका लंबा समय बिताना भी उनकी पारियों का एक जबरदस्त पहलू रहा. पाकिस्तान के खिलाफ वह 25वें ओवर में बल्लेबाजी करने आए और 23.2 ओवर बल्लेबाजी करने व मैच खत्म करके गए.
साउथ अफ्रीका के खिलाफ रोहित शर्मा के रूप में टीम का पहला विकेट 5.3वें ओवर में गिरा और विराट 100 गेंदों पर 76 रन की नाबाद पारी खेल गए.
बांग्लादेश के खिलाफ सेमीफाइनल में भी 15वें ओवर में बैटिंग के लिए आए विराट 97 रन पर बिना आउट हुए टीम को फाइनल में ले गए. हां, फाइनल में पाकिस्तान के 338 रनों की पीछा करते समय विराट पांच रन पर ही निपट गए थे लेकिन उस मैच में पूरी टीम ने ही हथियार डाल दिए थे क्योंकि वह 158 पर आउट हो गई थी.
उनके 2018 के वनडे आंकड़े भी एशिया से बाहर उनकी नॉट आउट लौटने के जुनून की पुष्टि करते हैं.
इस साल साउथ अफ्रीका में खेले छह वनडे मैचों में विराट के तीन शतक, एक हाफ सेंचुरी से साथ 99.46 के स्ट्राइक रेट से साथ 558 रन हैं. सेंचुरियन (46), केपटाउन (160) और सेंचुरियन (129) में विराट बिना आउट हुए गए.
क्रिकेट में कहा जाता है कि एशिया से बाहर रन बनाना ही किसी बल्लेबाज का काबिलियत का पैमाना हैं. पिछले दो सालों में विराट ने उस पैमाने में भी अपने खुद के लिए स्टैंडर्ड तय किया है. जाहिर है इस दौरे पर उसका फायदा टीम इंडिया को मिलना चाहिए.