पिछले हफ्ते भारतीय क्रिकेटरों की थकान को लेकर चिंता करने वाले दो अहम बयान आए हैं. पहला, हेड कोच रवि शास्त्री ने बीसीसीआई से कहा है कि टीम के सदस्यों को आराम की जरूरत है. दूसरा, पूर्व दिग्गज और कप्तान कपिल देव ने सलाह दी कि खिलाड़ियों की थकान को कम करने के लिए बोर्ड को अपना एक प्लेन खरीदना चाहिए.
देश जब गुलाम था तो अंग्रेज भारतीयों को देश के अलग-अलग चाय बागानों और खानों में बारह महीने काम करवाते थे. अगर भारतीय टीम के साल भर के कार्यक्रम पर नजर डाली जाए तो वे अंग्रेजों के उन मजदूरों से कम नहीं है जिन्हें घूम-घूम कर पूरे साल बोर्ड के वोट बैंक और उसके बैंक एकाउंट के लिए क्रिकेट खेलना पड़ता है.
फर्क सिर्फ इतना है कि इनमें से हर एक की पगार कई लाख मजदूरों से ज्यादा है और ये एसयूवी में सफर करते हैं. शास्त्री ने जो चिंता जताई है, वह काफी गंभीर है. लेकिन शास्त्री खुद इस मसले पर गंभीर हैं या नहीं, यह समझने की कोशिश की जा सकती है.
शास्त्री इस समय बहुत ही मजबूत स्थिति में हैं. कैसा रहे कि वह बोर्ड को जाकर कहें कि मैं अपने खिलाड़ियों के लिए थोड़ा आराम चाहता हूं और मेरी टीम का फलां-फलां खिलाड़ी अप्रैल-मई में होने वाली इंडियन प्रीमियर लीग में नहीं खेलगा.
शास्त्री यह बात मजबूती से रख सकते हैं क्योंकि उन पर 2019 के विश्व कप की टीम तैयार करने की जिम्मेदारी है. लेकिन ऐसा होगा नहीं. यहां लगता है कि शास्त्री की चिंता में ईमानदारी की कमी है.
वैसे यह सही है कि खिलाड़ियों पर काम का काफी बोझ हैं. इसके लिए कप्तान विराट कोहली के आंकड़ों पर नजर डालते हैं.
जुलाई 2016 से लेकर अगस्त 2017 तक विराट 19 टेस्ट मैच खेल चुके हैं. इनमें उन्होंने 2658 गेंद यानी 443 ओवर बल्लेबाजी की. जाहिर है कि गर्मी और उमस भरे माहौल में कई सौ घंटे फील्डिंग भी कर चुके हैं.
टेस्ट के अलावा विराट ने 28 वनडे, 20 अंतरराष्ट्रीय टी-20 मैच के अलावा दो सालों में आईपीएल के 26 मैच भी खेले हैं.
इसमें आईपीएल जिस्म को तोड़ देने वाला टूर्नामेंट है क्योंकि देर रात मैच खत्म होने के बाद अगले शहर और मैच में पहुंचने के लिए सुबह एयरपोर्ट के लिए दौड़ लगानी पड़ती है.
लेकिन विराट हो या कोई और खिलाड़ी, सभी के बैंक एकाउंट में इतना पैसा डाल दिया गया है कि वे आईपीएल खेलने से इनकार नहीं कर सकते. थकान का सबसे बड़ा कारण है क्योंकि वह फॉरमेट ही ऐसा है.
इसलिए अगर कोच शास्त्री थोड़ी हिम्मत दिखा कर अपने टॉप फाइव खिलाड़ियों को इस भाग दौड़ वाले क्रिकेट से आराम दिलाने को कोशिश भर ही करते तो उनका यह प्रयास सराहनीय होता. लेकिन वह न जाने कौन से आराम की बात कर रहे है. ऑस्ट्रेलिया से भारत को पांच वनडे और तीन टी-20 मैच ही खेलने हैं. उसके बाद जुलाई में वह इंग्लैंड जाकर खेलेगा और फिर दक्षिण अफ्रीका.
जाहिर है कि अक्तूबर में ऑस्ट्रेलिया से सीरीज खत्म होने के बाद खिलाड़ियों के लिए आराम का काफी समय है. बशर्ते उन्हें आईपीएल से बाहर रखने की आजादी दी जाए.
कपिल देव ने जो सुझाव दिया है वह काफी महंगा है. 15 खिलाड़ियों और दर्जन भर सपोर्ट स्टाफ के लिए बोइंग से कम काम चलने वाला नहीं. और इसके लिए बोर्ड को तीन हजार करोड़ से भी अधिक रुपये खर्चने होंगे.
वैसे संजय मांजरेकर ने जो उपाय सुझाया है, उसके लिए बोर्ड को उन्हें मोटी कंसलटेसी फीस देनी चाहिए.
उन्होंने कहा कि अपना जहाज छोड़ो और खिलाड़ियों को खुद आराम लेने का फैसला करने का अधिकार देना ही उन्हें थकान से दूर रखने का सबसे बेहतरीन उपाय है.
Kapil Dev suggests BCCI buy their own plane to reduce player fatigue. I have a cheaper idea. Players take rest when they feel fatigued.