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सुप्रीम कोर्ट की दराज में रखा 'बंद लिफाफा' भारतीय क्रिकेट में तूफान लाने वाला है!

स्पॉट फिक्सिंग की जांच करने वाले जस्टिस मुदगल के इस लिफाफे में फिक्सिंग से जुड़े नौ खिलाड़ियों के नाम हैं!

FP Staff

साल 2013 में आईपीएल के दौरान हुई स्पॉट फिक्सिंग की घटना और उसकी जांच के बाद सुप्रीम कोर्ट के दखल ने भारतीय क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन की तस्वीर को बदल दिया है. इस मामले की जांच करने वाले रिटाय़र्ड जस्टिस मुकुल मुदगल ने जांच के दौरान सुप्रीम कोर्ट को एक बंद लिफाफ सौंपा था जिसमें फिक्सिंग से जुड़े 13 संदिग्ध लोगों के नाम थे. इनमें से चार लोग क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेटर्स और 9 खिलाड़ी थे.

सुप्रीम कोर्ट में चारों एडमिनिस्ट्रेटर्स के नाम का खुलासा हुआ इन चारों पर अगल-अलग तरह की कार्रवाई भी हुई लेकिन 9 क्रिकेटरों के नाम अब तक उस सील बंद लिफाफे में दबे हुए हैं.


अब इस लिफाफे के सुप्रीम कोर्ट पहुंचने के करीब चार साल बाद सुप्रीम कोर्ट की बनाई प्रशासकों की समिति यानी सीओए ने अदालत से गुजारिश की है वह इन नामों को उसे सौंप दें ताकि बोर्ड की एंटी करप्शन यूनिट इस पर जरूरी कार्रवाई कर सके.

समाचार पत्र इंडियन एक्सप्रैस की रिपोर्ट के मुताबिक विनोद राय की अध्यक्षता वाली सीओए ने अदालत में दरख्वास्त लगाई है और कहा है ऐसा करने से क्रिकेट में मौजूद भ्रष्टाचार के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया जा सकेगा.

जस्टिस मुदगल के इस लिफाफे में जिन चार प्रशासकों के नाम थे उनमें से एक एन श्रीनिवासन को खुद अदालत ने बोर्ड का अध्यक्षता से हटा दिया, उनके दामाद और सीएसके के मालिक गुरुपनाथ मयप्पन पर क्रिकेट की किसी भी एक्टिविटी में शामिल होने पर पाबंदी लगा दी, यह सजा राजस्थान रॉयल्स के को –ओनर राज कुंद्रा को दी गई. चौथे शख्स सुंदर रमन पर भी पाबंदी लगी. यही नहीं सीएसके और राजस्थान रॉयल्स पर दो-दो साल की पाबंदियां भी लगाई गईं .

अब देखना है कि अदालत सीओए की इस गुजारिश पर क्या फैसला करती है. अगर यह लिफाफा बीसीसीआई के पास आकर खुल गया तो और उसमें कुछ बड़े क्रिकटर्स के नाम सामने आए तो भारतीय क्रिकेट जगत में भूचाल आना तय है.