विनेश फोगाट और साक्षी मलिक ने अपने-अपने भारवर्ग में टाटा मोटर्स सीनियर राष्ट्रीय चैंपियनशिप के फाइनल में जीत दर्ज कर राष्ट्रीय खिताब के साथ साल का अंत किया.
विनेश ने 57 किलोग्राम भारवर्ग के फाइनल में बबीता को 10-0 से मात देकर सफलताओं से भरे साल का शानदार अंत किया. खराब फॉर्म में चल रही साक्षी ने 62 किलोग्राम भार वर्ग के फाइनल में जीत दर्ज कर साल का अंत खिताब के साथ किया. रियो ओलिंपिक के बाद साक्षी के लिए यह पहली बड़ी खिताबी जीत है. विनेश ने अपने छठे राष्ट्रीय खिताब को जीतने के क्रम में सिर्फ दो अंक गवांए. वह विभिन्न भार वर्गों में 2012 से 2016 तक पांच बार राष्ट्रीय चैंपियन रह चुकी हैं. उन्होंने पहले दौर के मैच में चंडीगढ़ की नीतू को 13-2 से मात देने के बाद कर्नाटक की स्वेता बालागत्ती को हराकर क्वार्टरफाइनल में जगह पक्की की.
क्वार्टरफाइनल में उन्होंने हरियाणा की मनीषा को तकनीकी दक्षता के आधार पर हराया. सेमीफाइनल में उन्होंने हरियाणा बी की रविता को महज 76 सेकंड में शिकस्त दी. साक्षी को भी खिताब जीतने के लिए ज्यादा मशक्कत नहीं करनी पड़ी. उन्होंने बिना कोई अंक गवांए यह खिताब हासिल किया. उन्होंने पहले मुकाबले में वॉकओवर मिलने के बाद दूसरा मुकाबला महज 25 सेकंड में अपने नाम कर लिया. उनकी प्रतिद्वंद्वी अनीता ने घुटने की चोट के कारण बीच में ही मैच छोड़ दिया.
उन्होंने क्वार्टरफाइनल में मणिपुर की ए लुवांग खोंबी को मात्र 43 सेकंड में शिकस्त दी. इस ओलंपिक पदकधारी ने हरियाणा की पूना को सेमीफाइनल में 11-0 से पटखनी दी. इस साल शानदार प्रदर्शन करने वाली ऋतु मलिक 65 किलोग्राम भारवर्ग के सेमीफाइनल में हार गई. उन्होंने 2010 कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेजल विजेता अनीता ने हराया. ऋतु को ब्रॉन्ज मेडल से संतोष करना पड़ा. अनीता ने फाइनल में गीतिका जाखड़ को हराकर स्वर्ण पदक हासिल किया.
इंदु चौधरी (50 किग्रा), पिंकी (55 किग्रा), सरिता (59), नवजोत कौर (68 किग्रा), किरण विश्नोई (72 किग्रा) और सुदेश (76 किग्रा) भी अपने-अपने भार वर्ग में खिताब जीतने में सफल रहे.
रेलवे खेल संवर्धन बोर्ड 188 अंक के साथ चैम्पियन बना जबकि हरियाणा 186 अंक के साथ दूसरे स्थान पर रहा. दिल्ली 93 अंक के साथ तीसरे स्थान पर रहा.