लंबे से टीम इंडिया में वापसी की कोशिश कर रहे नमन ओझा घरेलू क्रिकेट में अपने खराब बर्ताव के कारण एक बार फिर सुर्खियों में आ गए हैं. दिल्ली के खिलाफ विजय हजारे ट्रॉफी के मुकाबले के दौरान अंपायर के एक फैसले पर मध्य प्रदेश के ओझा को गुस्सा आ गया और उन्होंने उंगली उठाकर अंपायर की काबिलियत पर ही सवाल उठा दिए. इस वजह से मैच भी कम से कम 20 मिनट तक रूका रहा. मैदान पर ओझा को इस बर्ताव के कारण कड़ी सजा का भी सामना करना पड़ सकता है. इस मुकाबले में दिल्ली ने मध्यप्रदेश को 75 रन से हराया. दिल्ली ने पहले बल्लेबाजी करते हुए नीतीश राणा 107 के दमदार शतक के दम पर 284 रन बनाए, जवाब में मध्य प्रदेश की टीम 209 रन पर ही सिमट गई.
मैच के दौरान मामला उस समय गर्मा गया, जब 28वें ओवर में बाएं हाथ के बल्लेबाज राणा 26 रन पर खेल रहे थे और स्पिनर रमीज राणा की गेंद पर पर स्वीप शॉट खेला. यह गेंद स्क्वॉयर लेग पर खड़े फील्डर के हाथों में चली गई. मध्यप्रदेश की टीम यहां जश्न मनाने लगी, लेकिन राणा वहीं खड़े रहे. इसके बाद अंपायर राजीव गोदारा ने स्क्वॉयर लेग अंपायर नवदीप सिंह के साथ चर्चा करके मैच रैफरी से रैफरल मांगा. रीप्ले देखने के बाद रैफरी ने राणा को नॉट आउट करार दिया, जिसके बाद ओझा अपना आपा खो बैठे और गुस्से में गोदारा की ओर उंगुली उठाकर प्रथम श्रेणी अंपायर के रूप में उनकी काबिलियत पर सवाल उठाए. इसके बाद रैफरी को मैदान पर आना पड़ा और 20 मिनट बाद मैच वापस शुरू किया गया. ओझा को खेल की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए कड़ी सजा का सामना करना पड़ सकता है क्योंकि गोयल के इस मामले में विस्तृत रिपोर्ट सौंपने की उम्मीद है.