पवन नेगी और नवदीप सैनी की विषम पलों में खेली गई दिलेर पारियों से दिल्ली ने गुरुवार को बेंगलुरू में रोमांच से भरे सेमीफाइनल में झारखंड को दो विकेट से हराकर विजय हजारे ट्रॉफी के खिताबी मुकाबले में मुंबई से भिड़ने का हक पाया. मुंबई और दिल्ली के बीच फाइनल शनिवार को खेला जाएगा.
दिल्ली के सामने 200 रन का लक्ष्य था, लेकिन उसके आठ विकेट 149 रन पर निकल गए थे. ऐसे समय में नेगी (49 गेंदों पर नाबाद 39) ने जिम्मेदारी संभाली और सैनी (38 गेंदों पर नाबाद 13) ने दूसरे छोर से उनका पूरा साथ दिया. इन दोनों ने नौवें विकेट के लिए 51 रन की अटूट साझेदारी की जिससे दिल्ली ने 49.4 ओवर में आठ विकेट पर 200 रन बनाकर रोमांचक जीत दर्ज की.
झारखंड ने पहले बल्लेबाजी का न्योता मिलने पर 48.5 ओवर में 199 रन बनाए थे. उसकी पारी का आकर्षण विराट सिंह की 71 रन की पारी. उनके अलावा आनंद सिंह ने 36 और शाहबाज नदीम ने 29 रन का योगदान दिया. सैनी ने गेंदबाजी में भी कमाल दिखाया और दस ओवर में 30 रन देकर चार विकेट लिए. कुलवंत खेजरोलिया और प्रांशु विजयरन ने दो-दो विकेट हासिल किए.
झारखंड को दबाव की परिस्थितियों में महेंद्र सिंह धोनी की बड़ी कमी खली जिन्होंने सेमीफाइनल में इनकार कर दिया था. अपेक्षाकृत छोटे लक्ष्य के सामने दिल्ली की शुरुआत अनुकूल नहीं रही. उन्मुक्त चंद ने शुरू में ही आक्रामकता दिखाई, लेकिन वह 13 गेंदों पर 17 रन बनाकर तीसरे ओवर में ही पवेलियन लौट गए. वरुण एरोन (39 रन देकर दो) ने उन्हें प्वाइंट पर कैच कराया.
इसके बाद आनंद सिंह (39 रन देकर तीन) ने दिल्ली के बल्लेबाजों को लंबी पारी नहीं खेलने दी. उन्होंने ध्रुव शोरे (15), कप्तान गौतम गंभीर (27) और हिम्मत सिंह (02) को विकेटकीपर इशान किशन के हाथों कैच कराकर स्कोर चार विकेट पर 87 रन कर दिया. नीतीश राणा (39) और विजयरन (15) स्कोर को 123 रन तक ले गए, लेकिन इसके बाद दिल्ली ने 26 रन के अंदर चार विकेट गंवा दिए जिसमें ये दोनों भी शामिल थे. शाहबाज नदीम (34 रन देकर दो) ने उसे ये झटके दिए.
नेगी ने यहीं पर अपनी जिम्मेदारी संभाली तथा अपनी पारी में पांच चौके और एक छक्का लगाया. सैनी ने उनके सहयोगी की भूमिका अच्छी तरह से निभाई और दूसरे छोर से विकेट नहीं गिरने दिया. सैनी को उनके शानदार प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच चुना गया.