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अंडर 19 वर्ल्ड कप 2018: गुरु द्रविड़ के इन पांच शिष्यों ने भारत को चौथी बार बनाया विश्व विजेता

भारतीय टीम ने आॅस्ट्रेलिया को 8 विकेट से हराकर खिताब अपने नाम किया

FP Staff

भारत की युवा टीम ने शनिवार को आॅस्ट्रेलिया टीम को हराकर अपना चौथा अंडर 19 विश्व कप जीत लिया है. भारतीय टीम ने तीन बार की चैंपियन आॅस्ट्रेलिया को  8 विकेट  से हराया. टूर्नामेंट में एक भी मैच ना हारने वाली भारतीय टीम ने शानदार खेल दिखाया और गुरू राहुल द्रविड़ के इन शिष्यों ने भारत को दिलाया विश्व कप.

पृथ्वी शॉ


भारतीय टीम के कप्तान पृथ्वी शॉ ने कप्तान के अलावा एक बल्लेबाज के तौर पर भी शानदार प्रदर्शन किया है. पृथ्वी ने टूर्नामेंट की 5 पारियों में 94.56 की स्ट्राइक रेट से 261 रन बनाए. एक सलामी बल्लेबाज के तौर पर उन्होंने हर बार टीम को ठोस शुरुआत दी. उनकी पारी से आगे आने वाले बल्लेबाजों पर ज्यादा दबाव नहीं हुआ. पृथ्वी ने फाइनल में भले ही 29 रन बनाए हो, लेकिन ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले मैच में टूर्नामेंट में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 94 रनों की पारी खेली थी.

कमलेश नागरकोटी

भारत के इस तेज गेंदबाज ने विरोधी बल्लेबाजों को बहुत परेशान किया . इनकी रफ्तार के सामने बल्लेबाजों का टिकना मुश्किल हुआ. 149 किमी तक की रफ्तार से गेंद फेंकने वाले नागरकोटी भारतीय गेंदबाजी का अहम हिस्सा थे. 6 मैचों में नागरकोटी ने 9 विकेट लिए. उनकी ताकत सिर्फ रफ्तार नहीं थी. वह सही समय पर रनों की गति पर अंकुश लगा देते थे. पाकिस्तान के खिलाफ सेमीफाइनल में भले ही उन्होंने कोई विकेट हासिल नहीं किया हो लेकिन उन्होंने पांच ओवर में सात ही रन दिए और एक मेडन ओवर भी डाला था

शुभमन गिल

भारतीय बल्लेबाजों में सबसे सफल बल्लेबाज बनकर उभरे हैं शुभमन. वहीं कुल 372 रन बनाकर टूर्नामेंट में दूसरे सबसे अधिक रन बनाने वाले खिलाड़ी भी रहे।

गिल लगातार तीन मैचों में मैन ऑफ द मैच का खिताब हासिल किया. शुभमन ने पाकिस्तान के खिलाफ भारत की ओर से पहला शतक लगाया था. गिल को जिम्बाब्वे के खिलाफ ओपनर के तौर पर उतारा गया था. गिल इस रोल में भी हिट रहे और उन्होंने 90 रनों की पारी खेली थी. शुभमन के पास टीम के उप-कप्तान के तौर पर अतिरिक्त भार भी था.

शिवम मावी

डेल स्टेन को अपना आदर्श मानने वाले शिवम में उन्हीं के जैसा अग्रेशन भी दिखता. वह बल्लेबाज के दिमाग में डर बिठाने का काम बखूबी करते हैं. भारत के 5’9’’ का यह गेंदबाज भले ही दिखने में तेज गेंदबाज जैसा नहीं लगता, लेकिन विरोधी बल्लेबाजों के दिमाग में रफ्तार से डर पैदा करना जरूर जानते हैं. टूर्नामेंट में गिल ने 6 मैचों में कुल नौ विकेट लिए.

अनुकूल रॉय

भारतीय टीम के इस खिलाड़ी ने अपने ऑलराउंड प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. 14 विकेट लेकर अनुकूल टूर्नामेंट में संयुक्त रूप में शीर्ष प रहे. फाइनल में रॉय ने दो विकेट लिए पापुआ न्यू गिनी के खिलाफ उन्होंने पांच विकेट लिए थे जिसकी बदौलत पूरी टीम 67 रनों पर ऑलआउट हो गई थी. इसके बाद जिम्बाब्वे के खिलाफ भी उन्होंने चार विकेट लिए थे. इसके बाद सेमीफाइनल में उन्होंने सही समय पर 33 रनों की अहम पारी खेली थी.