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आईपीएल नीलामी: खिलाड़ियों के नहीं बिकने का 'आई' कनेक्शन

क्यों नहीं बिके इशांत, इरफान और इमरान ताहिर

Lakshya Sharma

आईपीएल नीलामी के दौरान कई ऐसी बोलियां लगीं जो चौंकाने वाली थीं. इनमें से एक इंग्लैंड के ऑलराउंडर बेन स्टोक्स का 14.5 करोड़ में बिकना, अफगानिस्तान के खिलाड़ियों की आईपीएल में एंट्री होना या फिर कई खिलाड़ियों का ना बिक पाना. लेकिन इन सभी में सबसे चौंकाने वाली बात रही भारतीय गेंदबाज इशांत शर्मा और इरफान पठान के लिए किसी भी टीम का बोली न लगाना.

इससे हर कोई हैरान रहा. इन दोनों खिलाड़ियों ने पिछला सीजन राइजिंग पुणे सुपरजायंट्स की ओर से खेला था. हालांकि साउथ अफ्रीका के इमरान ताहिर भी नहीं बिके, ये भी चौंकाने वाला फैसला था.


इशांत के न बिकने से सभी हैरान

पिछले साल इशांत शर्मा ने पुणे की ओर से सिर्फ दो मैच खेले थे जिसके बाद वह चोट के कारण नहीं खेल पाए थे. इशांत ने हाल ही में मात्र इंग्लैंड और बांग्लादेश के खिलाफ एक-एक टेस्ट मैच खेला है. इनमें उन्हें ज्यादा सफलता तो नहीं मिली लेकिन उनकी गेंदबाजी की हर किसी ने तारीफ की थी. लेकिन सिर्फ दो मैच खेलने के बावजूद इशांत ने अपना बेस प्राइस दो करोड़ रुपये रखा जिसके कारण उन्हें नुकसान उठाना पड़ा.

गौतम गंभीर ने भी आईपीएल नीलामी में इशांत शर्मा के नहीं बिकने की मुख्य वजह उनकी बेस प्राइस को माना है. इशांत का बेस प्राइस 2 करोड़ रुपए था. एक टीवी चैनल पर बातचीत के दौरान गंभीर ने कहा 'इशांत का बेस प्राइस बहुत ज्यादा था, जबकि वे केवल 4 ओवर बॉलिंग ही कर सकते हैं।'

इशांत के अलावा कोई भी भारतीय गेंदबाज 1 करोड़ या दो करोड़ के ब्रैकेट में नहीं थे और यही ऑक्शन में इशांत के खिलाफ गया. हालांकि ये बात भी नहीं भूलनी चाहिए कि इशांत ने पिछले साल कहा था कि वह सीमित ओवर में ज्यादा असरदार नहीं हैं.

बदकिस्मत रहे इरफान पठान

इशांत की तरह इरफान भी ऑक्शन में नहीं बिक पाए, पिछले सीजन में इरफान ने पुणे की ओर से सिर्फ एक मैच खेला था और सीजन के अंत में वह चोट से जूझ रहे थे. हालांकि हाल ही में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में उन्होंने अच्छा प्रदर्शन किया, उन्होंने कुल 17 की औसत से चार मैचों में 5 विकेट लिए थे. इरफान का बेस प्राइस 50 लाख रुपये था, लगातार चोटिल होना और आउट ऑफ फॉर्म होना इरफान के लिए ऑक्शन में ना बिकने का कारण रहा.

इमरान ताहिर क्यों नहीं बिके?

आईपीएल नीलामी में इमरान ताहिर का न बिकना सबसे चौंकाने वाला फैसला था. दुनिया के नंबर वन गेंदबाज को कोई ना खरीदे तो आश्चर्य होगा ही. लेकिन ये बात क्रिकेट के जानकारों भी समझ नहीं आई कि इमरान ताहिर को आखिर क्यों किसी ने नहीं खरीदा. शायद इसका ये कारण हो सकता है क्योंकि फ्रेंचाइजी के पास विदेशी खिलाड़ियों को खरीदने की एक सीमा तय थी और इसी का नुकसान ताहिर को भुगतना पड़ा.