अब और क्या लिख सकते हैं सचिन के बारे में? क्या सूरज को आईना दिखाया जा सकता है? क्या चांद के हुस्न का बयां किया जा सकता है?
हां, इतना जरूर है कि हमें अपने आपको एक चीज से बचाना होगा. और वो ये है कि हम भूल जाएं कि सचिन इंसान हैं और वो हम करोड़ों की तरह सोते हैं, खाना खाते हैं, नाराज हो जाते हैं, रोते हैं, हंसते हैं, गलतियां कर बैठते हैं, पछताते हैं और हां बैट उठाते हैं. बॉल को मारते हैं, आउट हो जाते हैं, हारते हैं, जीतते हैं और सब से ज्यादा वो एक खिलाड़ी थे, हैं और हमेशा रहेंगे. भारत रत्न, आइकॉन, करोड़पति, राज्यसभा सदस्य, मॉडल, अब सिंगर. वो सब सिर्फ इसलिए कि सचिन एक कमाल के खिलाड़ी थे, हैं और हमेशा रहेंगे.
एक बारह साल की उम्र से लेकर और 25 साल तक वो इंटरनेशनल क्रिकेट खेलते रहे. वही क्रिकेट जिसे खेलने की कोशिश हम सब करते हैं. जिस से हम सबको मोहब्बत है. वही 22 गज, वही लाल रंग की गेंद, वही तीन स्टम्प, वही बैट, वही धूप, वही घास, वही पसीना, वही मजा. सचिन 25 साल तक हमारा क्रिकेट खेलते रहे. हमारे लिए खेलते रहे.
और आज, जब उनका एक और जन्मदिन, उनको और हम सबको, याद दिला रहा है कि एक वक्त के सामने सचिन भी नॉट आउट नहीं रह सकते. तो हमें इस बात का शुक्रिया अदा करना चाहिए कि हम इस देश के रहने वाले हैं, जहां सचिन क्रिकेट खेला करते थे. सचिन जन्मदिन बहुत, बहुत मुबारक हो.
लेखक का परिचय- टॉम ऑल्टर किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं. उन्होंने थिएटर किया है, फिल्में की हैं, शायरी करते हैं, लिखते हैं. उन्हें घूमना, वाइल्डलाइफ पसंद है... और हां, क्रिकेट उनके लिए जिंदगी की तरह है. पद्मश्री टॉम ऑल्टर ही वो शख्स हैं, जिन्होंने सचिन का पहला टीवी इंटरव्यू किया था.