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अगले साल से रणजी ट्रॉफी में नजर आएंगी पूर्वोत्तर के राज्यों की टीमें, सीओए ने दिया आश्वासन

सुप्रीम कोर्ट की बनाई लोढ़ा कमेटी ने भी की है एक राज्य एक वोट की सिफारिश

FP Staff

प्रशासकों की समिति यानी सीओए ने को आश्वासन दिया कि पूर्वोत्तर के छह राज्य अगले सत्र से व्यक्तिगत इकाइयों के रूप में रणजी ट्रॉफी में खेलेंगे और इन्हें शामिल करने की जिम्मेदारी बीसीसीआइ महाप्रबंधक (खेल विकास) रत्नाकर शेट्टी को सौंपी गई है.

छह राज्यों मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, सिक्किम, नगालैंड और अरुणाचल प्रदेश ने शुक्रवार को विनोद राय से डेढ़ घंटे मुलाकात की और इस सत्र में संयुक्त इकाई के रूप में टूर्नामेंट में हिस्सा लेने की अपील की. हालांकि, उन्हें आश्वासन दिया गया कि अगले सत्र में वे रणजी ट्रॉफी का हिस्सा होंगे, जबकि इस सत्र से ही वे आयु वर्ग (अंडर-16, अंडर-19 व अंडर-23) टूर्नामेंटों में अलग-अलग राज्यों के रूप में हिस्सा लेंगे.


पूर्वोत्तर के समन्वयक नबा भट्टाचार्जी ने बैठक के बाद कहा, 'राय ने हमें कहा कि रणजी ट्रॉफी छह अक्टूबर से शुरू हो रही है, इसलिए इस सत्र में खेलना मुश्किल होगा. हालांकि, अगले सत्र से वह व्यक्तिगत राज्यों के रूप में खेलेंगे. इतने वर्षों के बाद पहली बार हमें पूर्ण आश्वासन मिला है. प्रो शेट्टी इसे लागू करने की प्रक्रिया को देखेंगे.अच्छी खबर यह है कि सीओए ने फैसला किया है कि अंडर-16 राष्ट्रीय चैंपियनशिप (वीनू मांकड) और अंडर-23 (सीके नायडू ट्रॉफी) में पूर्वोत्तर क्षेत्र अलग से होगा.

आपको बता दें कि सुप्रीम कोर्ट की बनाई लोढ़ कमेटी ने एक राज्य एक वोट के तहत सभी राज्यों को बोर्ड में सामिल करने की सिफारिश की है. हालांकि बोर्ड ने अभी तक उसे लागू नहीं किया और मामला अभी भी अदालत में ही विचाराधीन है.