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डेब्यू में शतक लगाने के बाद भी दिग्गजों की कसौटी पर खरे नहीं उतरते शॉ!

शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में डेब्यू करते हुए एक मंझे हुए बल्लेबाज की तरह से बल्लेबाजी की और शतक बनाया

Bhasha

पृथ्वी शॉ भारत की तरफ से डेब्यू मैच में शतक जड़कर अपेक्षाओं पर पूरी तरह से खरा उतरे लेकिन पूर्व क्रिकेटरों का मानना है कि विदेशों की कड़ी चुनौतियों से निबटने के लिए इस किशोर बल्लेबाज को अपनी तकनीक में और सुधार करने की जरूरत है. शॉ ने वेस्टइंडीज के खिलाफ पहले टेस्ट मैच में डेब्यू करते हुए एक मंझे हुए बल्लेबाज की तरह से बल्लेबाजी की और शतक बनाया. उन्होंने मजबूत आक्रमण का सामना नहीं किया लेकिन फिर भी यह करियर की शानदार शुरुआत रही.

बैकफुट पर जाकर लगाए गए उनके शॉट से वेस्टइंडीज के ऑलराउंडर कार्ल हूपर को कैरेबियाई क्रिकेट की याद आ गई लेकिन उनका मानना है कि शॉ की आक्रामक शैली और वर्तमान तकनीक के साथ इस 18 वर्षीय बल्लेबाज के लिए विदेशों की कड़ी परीक्षा में पास होना आसान नहीं होगा.


पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज और 2003-04 के आस्ट्रेलिया दौरे में नई गेंद का अच्छी तरह से सामना करने वाले आकाश चोपड़ा की राय शॉ की तकनीक को लेकर भिन्न है. उनका भी मानना है कि शॉ को अपने खेल में पैनापन लाने की जरूरत है लेकिन उन्होंने कहा कि अगर वीरेंद्र सहवाग अपरंपरागत तरीके से सफल हो सकता है तो फिर यह किशोर खिलाड़ी भी उसके साथ सफलता हासिल कर सकता है.

चोपड़ा ने कहा, ‘हमने अभी जो देखा वह अभी केवल ट्रेलर है. वह काफी प्रतिभावान लग रहा है. आप इसमें विपक्ष और पिच के सपाट होने जैसे नुक्स नहीं निकाल सकते हो. लेकिन उसकी परीक्षा विदेशों में होगी और मुझे विश्वास है कि वह इससे अवगत होगा.’

उन्होंने कहा, ‘‘अभी एक दो चीजें और मुझे पूरा विश्वास है कि वह इन पर काम रहा होगा. इनमें से एक उनका मूवमेंट है जो कि अभी आईपीएल से भिन्न लग रहा है. मैं बहुत चिंतित नहीं हूं. उसने शानदार शुरुआत की थी.’ शॉ को बहुत करीब से देखने वाले मुंबई के अमोल मजूमदार का मानना है कि अभी इस युवा बल्लेबाज की तकनीक को लेकर टिप्पणी करना सही नहीं होगा और इसके लिए उनके विदेशों में खेलने तक इंतजार करना चाहिए.