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टीम एक समय में एक मैच पर ध्यान दे रही है : ऋद्धिमान साहा

पहला लक्ष्य शुरुआती टेस्ट जीतना ताकि तीन मैचों की सीरीज के लिए लय बनाई जा सके

Bhasha

भारतीय विकेटकीपर ऋद्धिमान साहा ने सोमवार को कहा कि श्रीलंका के खिलाफ उनकी टीम का पहला लक्ष्य ईडन गार्डेंस में होने वाले पहले टेस्ट मैच को जीतना है, ताकि तीन मैचों की सीरीज के लिए लय बनाई जा सके. साहा ने 16 नवंबर से श्रीलंका के खिलाफ होने वाले शुरुआती टेस्ट मैच से पूर्व भारतीय टीम के पहले अभ्यास सत्र के बाद कहा कि हमारी निगाह अभी दक्षिण अफ्रीकी सीरीज पर नहीं है जो छह जनवरी से केपटाउन में शुरू होनी है. साहा ने कहा कि टीम एक समय में एक मैच पर ध्यान दे रही है.

उन्होंने कहा, ‘हर मैच महत्वपूर्ण है और एक अलग तरह की चुनौती पेश करता है. तैयारियों जैसी कोई बात नहीं है. हम एक समय में एक मैच पर ध्यान दे रहे हैं. अगर हम यहां पर बेहतर प्रदर्शन करते हैं तो फिर दक्षिण अफ्रीकी सीरीज के बारे में सोचेंगे.’


अश्विन के सामने विकेटकीपिंग करना चुनौती 

अन्य स्पिनरों की तुलना में रविचंद्रन अश्विन को ऊपर रखने वाले साहा ने कहा कि इस ऑफ स्पिनर के सामने विकेटकीपिंग करना चुनौती होती है क्योंकि वह विविधतापूर्ण गेंदबाजी करते हैं. उन्होंने कहा, ‘अश्विन अन्य से ऊपर हैं. वह विविधतापूर्ण गेंदबाजी करते हैं और इसके अलावा उनकी लेंथ भी भिन्न होती है. उनके पास रविंद्र जडेजा, कुलदीप यादव की तुलना में अधिक वैरीएशन है.’

साहा ने कहा, ‘हमने रणजी, भारत ए और अभ्यास के दौरान कई मैच खेले हैं. आप जितनी अधिक विकेटकीपिंग करोगे आपकी समझ उतनी बेहतर बनेगी. एक समय के बाद यह आसान बन जाता है. मैं अपने सभी 28 टेस्ट मैचों के दौरान उनके साथ खेला हूं.’ भारत ने तीन स्पिनरों अश्विन, बायें हाथ के स्पिनर रविंद्र जडेजा और बायें हाथ के चाइनामैन गेंदबाज कुलदीप यादव को टीम में चुना है और तीनों ही एक दूसरे से पूरी तरह भिन्न हैं.

स्विंग गेंदबाजों  के सामने ज्यादा परेशानी नहीं आती

साहा ने कहा, ‘आपका आधा काम गेंद छोड़ते समय गेंदबाज के हाथ का अनुमान लगाने से पूरा हो जाता है. इसके बाद आप देखते हो कि पिच से कितनी उछाल और टर्न मिल रहा है. पिच टर्न ले रही हो या नहीं सभी गेंदों को रोकना सबसे बड़ी चुनौती होती है.’ तेज गेंदबाजों में साहा ने इशांत शर्मा और मोहम्मद शमी का नाम लिया जो सीम गेंदबाज के रूप में स्विंग गेंदबाजों की तुलना में अधिक चुनौती पेश करते हैं.

उन्होंने कहा, ‘गेंद जब बल्लेबाज के पास से निकलती है तो उसकी गति में अंतर पड़ता है और यह विकेटकीपरों के लिए मुश्किल बन जाती है. लेकिन स्विंग गेंदबाजों जैसे उमेश यादव और भुवनेश्वर कुमार के सामने ज्यादा परेशानी नहीं आती.’ साहा से पूछा गया कि क्या टीम तीन स्पिनरों के साथ उतरेगी, उन्होंने कहा, ‘इसका फैसला हम विकेट देखकर करेंगे और यह आकलन करेंगे कि कौन गेंदबाज इस विकेट से अधिक मदद हासिल कर सकता है.’

 देता रहता हूं कप्तान को सलाह

महेंद्र सिंह धोनी ने भले ही कप्तानी छोड़ दी हो, लेकिन सीमित ओवरों में अब भी उन्हें विकेट के पीछे से क्षेत्ररक्षण सजाते हुए देखा जा सकता है और साहा ने भी कहा कि वह भी कप्तान को सलाह देते रहते हैं. उन्होंने कहा, ‘टीम प्रबंधन ने फैसला किया है कि कोई भी फीडबैक दे सकता है. (विराट) कोहली अमूमन स्लिप एरिया में क्षेत्ररक्षण करते हैं और इसलिए मैं उन्हें अपनी सलाह देता रहता हूं, लेकिन आखिर में फैसला कप्तान को ही करना है.’

साहा ने कहा कि निर्णय समीक्षा प्रणाली के दौरान भी यही प्रक्रिया अपनाई जाती है. उन्होंने कहा, ‘यह पूरे विश्वास और फिर उससे कप्तान को अवगत कराने से जुड़ा है. आपको कभी किसी तरह का संदेह नहीं होना चाहिए.’