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मजबूत तकनीक ने पृथ्वी शॉ के लिए खोले टेस्ट क्रिकेट टीम के दरवाजे

पृथ्वी शॉ ने में साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ शानदार शतक लगाया था. हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर भी तीन शतक ठोके थे

FP Staff

इंग्लैंड के खिलाफ पहले तीन टेस्ट मैचों में भारतीय गेंदबाजों ने तो अच्छा प्रदर्शन किया, लेकिन कुछ बल्लेबाजों का प्रदर्शन बेहद खराब रहा. उम्मीद के मुताबिक टीम में दो बदलाव किए गए. चेन्नई के अनुभवी सलामी बल्लेबाज मुरली विजय को पहले दो टेस्ट में खराब प्रदर्शन के बाद बाहर कर दिया गया, जबकि चाइनामैन कुलदीप यादव को अतिरिक्त बल्लेबाज को टीम में जगह देने के लिए बाहर किया गया. इनके स्थान पर इंडिया ए व घरेलू क्रिकेट में शानदार प्रदर्शन करने वाले पृथ्वी शॉ और हनुमा विहारी को भारतीय टीम में जगह दी गई.

स्कूल क्रिकेट में 14 साल की उम्र में 546 रन बनाकर खबर बने मुंबई के पृथ्वी शॉ ने इस साल आईपीएल में अपनी बल्लेबाजी से सबको हैरान किया था. क्रिकेट के जानकारों को उनकी बल्लेबाजी तकनीक देखकर उनमें भविष्य का टेस्ट ओपनर नजर आ रहा था. आईपीएल मैचों में प्रदर्शन के लिहाज से वह बाकी टीमों के स्टार बल्लेबाजों से बिल्कुल अलग खड़े दिखाई दिए थे. वह इस हिट-एंड-रन क्रिकेट में खुद को टेस्ट क्रिकेटर को तौर पर पेश कर रहे थे. यही वजह है कि मजबूत तकनीक और ठंडे दिमाग से खेलने की काबिलियत ने शॉ को इस उम्र में ही टेस्ट क्रिकेट के दरवाजे पर लाकर खड़ा कर दिया है.


पृथ्वी शॉ ने अपने 14 प्रथम श्रेणी मैचों में अब तक 56.72 की शानदार औसत से 1418 रन बनाए है. वह सात शतक और पांच अर्धशतक लगा चुके है. 18 साल के इस बल्लेबाज ने बेंगलुरू में साउथ अफ्रीका ए के खिलाफ शानदार शतक लगाया था. हाल ही में इंग्लैंड दौरे पर भी पृथ्वी शॉ ने तीन शतक ठोके थे.

आंध्र प्रदेश के स्टाइलिश बल्लेबाज हनुमा विहारी ने प्रथम श्रेणी करियर के 63 मैचों में 59.79 की शानदार औसत से 5142 रन बनाए हैं. इंडिया ए के लिए खेलते हुए उन्होंने साउथ अफ्रीका-ए के खिलाफ शतक भी ठोका था. उनके बल्ले से इंग्लैंड में भी शतक निकला था. ये दोनों टेस्ट क्रिकेट के दरवाजे पर तो पहुंच गए हैं, लेकिन देखना होगी कि ये दरवाजा कब खुलता है.