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बीसीसीआई और लोढ़ा कमेटी के बीच कैसे शुरू हुआ विवाद

सुप्रीम कोर्ट ने अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से हटाया

Lakshya Sharma

सुप्रीम कोर्ट ने कठोर फैसला सुनाते हुए बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को पद से हटाया दिया है, इससे साथ ही कोर्ट ने साफ शब्दों में कहा कि जो अधिकारी लोढ़ा कमेटी की सिफारिशें नहीं मानेंगे, उन्हें भी बीसीसीआई से जाना होगा. आपको बताते है कि लोढ़ा कमेटी और बीसीसीआई के बीच विवाद कैसे आगे बढ़ा.


सबसे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इसकी जांच के लिए जस्टिस मुकुल मुद्गल की अध्यक्षता में एक कमेटी  बना दी. उस कमेटी ने साल 2014 में अपनी पहली रिपोर्ट भेजी. मुद्गल कमेटी की रिपोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट को लगा कि बीसीसीआई में सुधारों की सख्त जरूरत है. इसके लिए जनवरी 2015 में सुप्रीम कोर्ट ने पूर्व चीफ जस्टिस आर आरएम लोढ़ा के नेतृत्व में तीन सदस्यों की टीम गठित कर दी.

4 अप्रैल 2015: लोढ़ा कमेटी ने 82 सवाल लिखकर बीसीसीआई से जवाब मांगे कि भारत में क्रिकेट कैसे चलता है.

4 जनवरी 2016: लोढ़ा कमेटी ने बीसीसीआई में सुधारों के लिए अपनी सिफारिशें सुप्रीम कोर्ट में पेश की.

7 जनवरी 2016: इसके बाद बीसीसीआई के सचिव अनुराग ठाकुर ने राज्य क्रिकेट संघों से लोढ़ा समिति की रिपोर्ट पर राय मांगी.

4 फरवरी 2016: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से लोढ़ा समिति की सिफारिशों पर अपना रुख साफ करने को कहा. 3 मार्च 2016 को इसकी डेडलाइन तय की.

13 अप्रैल 2016: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा कि क्या वह कानून बनाकर भारत में क्रिकेट चला सकती है.

2 मई 2016: सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई और राज्य क्रिकेट संघों को लोढ़ा समिति की सिफारिशें मानने के आदेश दिया.

18 जुलाई 2016: सुप्रीम कोर्ट ने लोढ़ा समिति की ज्यादातर सिफारिशें मानी और मंत्रियों, सरकारी अधिकारी और 70 साल से ज्यादा के लोगों के पदाधिकारी बीसीसीआई में नहीं रह सकते.

28 सितंबर 2016: लोढ़ा कमेटी ने अनराग ठाकुर सहित बड़े अधिकारियों को हटाने की मांग की. लोढ़ा कमेटी ने कहा कि बीसीसीआई कोर्ट के आदेश के खिलाफ काम कर रहा है.

3 अक्टूबर 2016:  बीसीसीआई की हरकतों से नाराज लोढ़ा कमेटी ने बैंकों से बीसीसीआई को फंड जारी करने के लिए मना किया.

17 अक्टूबर 2016: बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दिया कि आईसीसी के नियमों के तहत किसी भी बोर्ड पर सरकार का दबाव नहीं होना चाहिए और बोर्ड के काम में सरकार का दखल नहीं होना चाहिए.

15 दिसंबर 2016: सुप्रीम कोर्ट ने बोर्ड के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर पर गलत हलफनामा देने का आरोप लगाया. इसके साथ ही कहा कि क्यों उन पर कार्रवाई ना की जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर अनुराग ठाकुर बिना शर्त माफी नहीं मांगते तो उन्हें जेल भी जाना पड़ सकता है.

2 जनवरी 2016: सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि बीसीसीआई के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर और सचिव अजय शिर्के को बर्खास्त कर दिया जाए. इसके साथ ही कोर्ट ने सख्त शब्दों में कहा कि जो पदाधिकारी लोढ़ा कमेटी की बात नहीं मानेगा, उसे भी बोर्ड से बाहर जाना पड़ेगा.