view all

सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई को दी बड़ी राहत

अधिकारी बीसीसीआई, राज्य दोनों संस्थाओं में 9-9 साल तक पद संभाल सकते हैं

IANS

बीसीसीआई में लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने का कड़ा फैसला देने वाली सुप्रीम कोर्ट ने अपने एक फैसले में सुधार किया है.

अदालत ने अपने उस पुराने फैसले में बदलाव किया है जिसके तहत बीसीसीआई और राज्य संघ दोनों के कार्यकाल को मिलाकर नौ साल तक काम करने वाले व्यक्ति को किसी भी पद को संभालने से वंचित किया गया था.


अदालत ने अपने इस फैसले में सुधार करते हुए कहा है कि अधिकारी बीसीसीआई और राज्य संघ दोनों संस्थाओं में नौ-नौ साल तक पद संभाल सकते हैं. अब इस फैसले के बाद एमपीसीए के पूर्व चेयरमैन ज्योतिरादित्य सिंधिया और पूर्व प्रेसीडेंट संजय जगदाले के लिए बीसीसीआई के दरवाजे खुल गए हैं.

अदालत ने तीन जनवरी को अपने आदेश में कहा था अधिकारी नौ साल तक ही बीसीसीआई या किसी भी राज्य संघ में पद संभाल सकते हैं. दोनों संस्थाओं के कार्यकाल को मिलकार नौ साल से ज्यादा कार्यकाल वाले अधिकारियों को पद छोड़ना होगा.

इसके अलावा वरिष्ठ वकील गोपाल सुब्रामण्यम और अनिल दिवांस ने न्यायाधीश दीपक मिश्रा और न्यायाधीश डी.वाई.चन्द्रचूड़ की खंडपीठ को सील बंद लिफाफे में उन नौ नामों की सूची दी जिन्हें बीसीसीआई को चलाने की जिम्मेदारी दी जा सके.

दोनों वकीलों ने अदालत में बीसीसीआई की अंतरिम प्रशासक समिति जो लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करने पर अपनी नजर रखेगी उसकी सूची भी दाखिल की. शीर्ष अदालत ने इस सूची को सामने लाने से मना किया है.

अदालत ने हालांकि इस सूची पर सवाल उठाए हैं क्योंकि इस सूची में कुछ नाम ऐसे हैं, जिनकी आयु 70 साल से अधिक है. लोढ़ा समिति ने अपनी सिफारिश में कहा है कि 70 साल से अधिक उम्र वाले अधिकारी बीसीसीआई और किसी भी राज्य संघ में पद नहीं संभाल सकते.

अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और बीसीसीआई ने अदालत से गुहार लगाई की वह अपने 18 जुलाई को दिए गए आदेश को वापस ले ले जिसमें उसने रेलवे, सर्विसेज और विश्वविद्यालय संघ की पूर्ण सदस्यता को घटा कर इन्हें अस्थायी सदस्यता देने की बात कही थी.