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श्रीलंकाई के गेंदबाजी कोच रत्नायके ने कहा, काम पूरा नहीं हुआ, अभी तो शुरुआत है

कहा, लंबे समय बाद मैंने इतनी अच्छी शुरुआत देखी, विकेट से मदद मिल रही थी

Bhasha

पहले टेस्ट मैच के बारिश से प्रभावित पहले दिन भारत को शुरू में ही करारे झटके देने वाली श्रीलंकाई टीम के गेंदबाजी कोच रूमेश रत्नायके ने कहा कि यह केवल शुरुआत है और अभी काफी काम करना बाकी है. श्रीलंका के तेज गेंदबाज सुरंगा लकमल ने परिस्थितियों का पूरा फायदा उठाकर भारत का शीर्ष क्रम चरमरा दिया. भारत ने पहले दिन का खेल समाप्त होने तक 17 रन पर तीन विकेट गंवा दिए थे.

रत्नायके ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘जब हम यहां आए तो हमारे पास गंवाने के लिए कुछ भी नहीं था, इसलिए हमारे खिलाड़ी चुनौती के लिए तैयार हैं. लंबे समय बाद मैंने इतनी अच्छी शुरुआत देखी. विकेट से मदद मिल रही थी. हम जानते थे कि यह सीम लेगा, लेकिन काम अभी पूरा नहीं हुआ है. यह तो अभी शुरुआत है,’


रत्नायके से पूछा गया कि उनके लिए कितना स्कोर चुनौतीपूर्ण होगा, उन्होंने कहा, ‘वे 250 कह सकते हैं और हम 200. यह टीमों के हिसाब से भिन्न हो सकता है,’  रत्नायके ने कहा कि बादल छाये होने के कारण उनके तेज गेंदबाजों के लिए काम आसान हो गया था.

उन्होंने कहा, ‘मैंने उन्हें सलाह दी थी कि गेंद को आगे रखकर बल्लेबाज को जितना संभव को पीछे रखें. जब हम आगे पिच कराते हैं तो आउट करने की संभावना बढ़ जाती है. सामान्य विकेट पर हमारी रणनीति अलग होती, लेकिन इस विकेट पर यह पूरी तरह भिन्न थी.’

रत्नायके ने कहा कि उनकी टीम ईडन गार्डन की घसियाली पिच देखकर हैरान थी. उन्होंने कहा, ‘निश्चित तौर पर टॉस जीतना अच्छा रहा. उम्मीद है कि अगले एक या डेढ़ दिन तक विकेट से मदद मिलेगी. विकेट पर घास है. यह हैरान करने वाला था.’ लकमल को हालांकि दूसरे छोर से मदद नहीं मिली और लाहिरू गमागे दबाव बनाने में नाकाम रहे.

रत्नायके ने कहा, ‘यह सही लय हासिल करने से जुड़ा है और टाइमिंग बेहद महत्वपूर्ण होती है. जिस तरह से बल्लेबाजी में टाइमिंग महत्व रखती है उसकी तरह गेंदबाजी में भी टाइमिंग की जरूरत पड़ती है,’ रत्नायके ने कहा कि उन्हें नुवान प्रदीप की कमी खल रही है जो चोटिल होने के कारण नहीं खेल रहे हैं. उन्होंने कहा, ‘वह मैदान पर नहीं था, लेकिन हम कुछ नहीं कर सकते लेकिन निश्चित तौर पर हमें उसकी कमी खल रही है.’