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धोनी का समर्थन करने के लिए कप्तान विराट कोहली की गांगुली ने सराहना की

धोनी के लिए वर्ष 2018 उनके 14 साल लंबे क्रिकेटिंग करियर का सबसे खराब साल साबित हुआ था. उन्होंने इस साल 20 वनडे मैचों की 13 पारियों में 25 के मामूली औसत और 71.43 के स्ट्राइक रेट से सिर्फ 275 रन बनाए थे

FP Staff

महेंद्र सिंह धोनी के लिए वर्ष 2018 उनके 14 साल लंबे क्रिकेटिंग करियर का सबसे खराब साल साबित हुआ था. उन्होंने इस साल 20 वनडे मैचों की 13 पारियों में 25 के मामूली औसत और 71.43 के स्ट्राइक रेट से सिर्फ 275 रन बनाए थे. इस दौरान उनका सर्वोच्च स्कोर नाबाद 42 रन रहा था. धोनी के बारे में कहा जाने लगा था कि उम्र उन पर हावी हो गई है. बातें होने लगीं कि उन्हें वनडे विश्व कप में भारतीय टीम का हिस्सा नहीं होना चाहिए. लेकिन धोनी ने ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ वनडे सीरीज लगातार तीन अर्धशतक लगाते हुए सब कुछ बदल दिया. उन्होंने कोहली एंड कंपनी को ऑस्ट्रेलियाई सरजमीं पर पहली वनडे द्विपक्षीय सीरीज जिताने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

हिंदुस्तान टाइम्स डॉटकॉम के अनुसार धोनी के इस धमाकेदार प्रदर्शन से पहले लोगों की राय थी कि धोनी को युवा ऋषभ पंत के लिए जगह खाली कर देनी चाहिए, लेकिन पूर्व भारतीय कप्तान सौरव गांगुली ने कप्तान विराट कोहली की इस बात के लिए सराहना की है कि उन्होंने अपने अनुभवी विकेटकीपर बल्लेबाज को पूरा समर्थन दिया.


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सौरव गांगुली ने कहा, 'दोनों खिलाड़ियों ने भारत के लिए एक साथ काफी मैच खेले हैं और धोनी इस समय टीम के सबसे अनुभवी खिलाड़ी है. कोहली और धोनी के बीच जो रिश्ता है उसमें ये चीज देखने लायक है कि वो अपने पूर्व कप्तान के साथ पिछले काफी दिनों से डट कर खड़े रहे हैं. जबकि धोनी खराब प्रदर्शन की वजह से सबकी आलोचना झेल रहे थे. कोहली ने ना केवल धोनी को समय दिया बल्कि इस बात पर जोर देते रहे कि वह बड़े खिलाड़ी हैं और टीम की ताकत हैं. कुछ ही ऐसे कप्तान हैं जो अपने खिलाड़ी का इस हद तक समर्थन करते हैं. मैंने देखा है कि कोहली पिछले 15-16 माह से धोनी को उपेक्षित होने से बचा रहे थे. इस तरह ही एक महान टीम बनती है. कोई भी टीम तब तक महान नहीं होती जब तक खिलाड़ियों में आपस में एक-दूसरे के लिए सम्मान ना हो.'

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धोनी ने मेलबर्न में खेले गए तीसरे और निर्णायक वनडे मैच में नाबाद 87 रन की पारी खेलीं और भारत को सात विकेट से जीत दिलाकर ही वापस लौटे. भारत ने वनडे सीरीज 2-1 से अपने नाम कर ली. सिडनी में खेले गए पहले वनडे मैच में धोनी 51 रन बनाकर आउट हो गए थे और भारत वह मैच 34 रनों से हार गया था. लेकिन एडिलेड वनडे में विराट कोहली के शतक के बाद वो धौनी ही थे जिन्होंने नाबाद 55 की पारी खेली और भारत को छह विकेट से जीत दिलाई.