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अज़हरुद्दीन ने खटखटाया अदालत का दरवाजा

एचसीए चुनावों के लिए नामांकन रद्द होने के खिलाफ दायर की याचिका

FP Staff

हैदराबाद क्रिकेट संघ के अध्यक्ष के लिए अपना नामांकन खारिज होने के बाद मोहम्मद अज़हरुद्दीन ने अदालत का रुख कर लिया है. अज़हर ने हैदराबाद हाई कोर्ट में इसके खिलाफ याचिका दायर की है. पिछले सप्ताह अज़हर का नामांकन रद्द कर दिया गया था. इसका कारण यही बताया गया था कि बीसीसीआई ने अब तक उन पर लगे आजीवन बैन को नहीं हटाया है.

अज़हरुद्दीन पर मैच फिक्सिंग के आरोपों की वजह से आजीवन बैन लगा था. लेकिन आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट ने सबूतों के अभाव में उन्हें बरी कर दिया था. बीसीसीआई ने हाई कोर्ट के इस फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील नहीं की थी. अज़हर का तर्क यही है कि अगर फैसले के खिलाफ अपील नहीं हुई, तो बैन अपने आप अवैध हो जाता है.


अज़हर ने कहा था, ‘जब आप नामांकन भरते हैं, तो पूरी तरह भरोसा होता है. मैं टेस्ट क्रिकेटर के तौर पर अपना पर्चा दाखिल करने गया था. जब मैंने नॉमिनेशन पेपर की बात की, तो उन्होंने कहा कि तारीख निकल गई है. इस वजह से मैंने नेशनल क्रिकेट क्लब की तरफ से नामांकन भरा. शुरुआत से मुझे पूरी प्रक्रिया धोखाधड़ी वाली लग रही थी. मैंने उन्हें कोर्ट का आदेश भी दिया. कोर्ट ने मुझे सभी आरोपों से बरी किया था.’

इस बीच हैदराबाद क्रिकेट एसोसिएशन के पूर्व सचिव जॉन मनोज का कहना है कि अज़हर का नामांकन सही प्रक्रिया के तहत खारिज नहीं हुआ है. उन्होंने कहा कि टेस्ट क्रिकेटर को संघ की सदस्यता अपने आप मिल जाती है.

53 साल के अज़हरुद्दीन ने 99 टेस्ट और 334 वनडे खेले हैं. क्रिकेट करियर के बाद उन्होंने राजनीति का रुख किया और उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद से सांसद बने.