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सिंगापुर ओपन बैडमिंटन: किदांबी श्रीकांत को हरा साई प्रणीत बने चैंपियन

साई प्रणीत ने किदांबी श्रीकांत को 21-17, 17-21, 12-21 से हराया

FP Staff

सिंगापुर ओपन सुपर सीरीज बैडमिंटन टूर्नामेंट के फाइनल में  साई प्रणीत ने किदांबी श्रीकांत को 21-17, 17-21,12-21 से हराकर टूर्नामेंट का खिताब अपने नाम किया. प्रणीत के करियर का भी यह पहला सुपर सीरीज खिताब है.

फाइनल में दोनों ही भारतीय खिलाड़ी के बीच जबरदस्त टक्कर हुई...श्रीकांत ने पहला गेम जीतने जीता लेकिन वह इस लय को बरकरार नहीं रख पाए. प्रणीत ने दूसरे गेम में शानदार वापसी की और 17-21 से गेम अपने नाम कर लिया. तीसरे गेम में भी प्रणीत ने अपनी लय बनाए रखी और 17-21 से गेम जीतकर टूर्नामेंट अपने नाम कर लिया.


पहलेगेम की शुरुआत दोनों के बीच रोमांचक रही. एक समय दोनों खिलाड़ियों का स्कोर 5-5 से बराबरी पर था, लेकिन श्रीकांत ने लगातार चार अंक हासिल करत हुए अपनी 9-5 कर ली. यहां से श्रीकांत ने प्रणीत को एकबार भी बराबरी करने का मौका नहीं दिया और पहला गेम 21-17 से जीत लिया.

पहला गेम हारने और दूसरे गेम में एक समय 2-7 से पिछड़ने के बाद प्रणीत ने अचानक गियर बदला और आक्रामकता तेज कर दी. प्रणीत ने पहले स्कोर 7-7 से बराबर कर लिया. गेम में दोनों के बीच एक-एक अंक के लिए कांटे की टक्कर देखने को मिली।.13-14 से पीछे चल रहे प्रणीत ने अगले आठ अंक अर्जित करने के दौरान श्रीकांत को सिर्फ तीन अंक लेने दिए और 21-17 से जीत हासिल की.

दूसरा गेम जीत मैच में बराबरी पर आ खड़े हुए प्रणीत ने तीसरे गेम की शुरुआत आत्मविश्वास के साथ की.पहले  दो अंक हासिल करने वाले श्रीकांत इसके बाद प्रणीत के आगे जरा भी नहीं टिक सके.प्रणीत ने दमदार खेल का प्रदर्शन करते हुए जल्द ही 10-3 से बड़ी बढ़त ले ली.

श्रीकांत ने थोड़ा संघर्ष तेज किया और प्रणीत को लगातार अंक लेने से रोका, लेकिन प्रणीत स्कोर का अंतर अंत तक कायम रखने में सफल रहे.प्रणीत ने  श्रीकांत को 21-12 से करारी मात देते हुए न सिर्फ तीसरा गेम जीता बल्कि करियर का पहला सुपरसीरीज खिताब भी हासिल किया.

प्रणीत का अपने इस हमवतन खिलाड़ी के खिलाफ जीत का रिकॉर्ड 4-1 का था जो अब 5-1 हो गया है. इससे पहले 2014 चाइना सुपर सीरीज प्रीमियर और 2015 इंडिया सुपर सीरीज जीतने के अलावा रियो ओलिंपिक के भी क्वार्टरफाइनल में प्रवेश किया था.

यह पहला अवसर है जबकि प्रणीत ने किसी सुपर सीरीज के फाइनल में जगह बनाई. वह जनवरी में सैयद मोदी ग्रां प्री गोल्ड के भी फाइनल में पहुंचे थे.

चीन, इंडोनेशिया, डेनमार्क के बाद भारत चौथा ऐसा देश है, जिसके खिलाड़ी किसी सुपर सीरीज टूर्नामेंट के पुरुष एकल वर्ग के फाइनल में आमने-सामने हुए हैं.