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तो क्या अब टेस्ट क्रिकेट में 'गब्बर' कभी नहीं दे सकेगा मूंछों पर ताव!

वेस्टइंडीज सीरीज के लिए धवन की बजाय पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल को मौका देकर सेलेक्टर्स ने उनके लिए टीम इंडिया के दरवाजे बंद करने के संकेत दे दिए है

Sumit Kumar Dubey

हाल ही में टीम इंडिया के इंग्लैंड दौरे के बाद मशहूर क्रिकेट कमेंटेटर हर्षा भोगले ने भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन के लेकर एक बात कही थी. उनका मानना था कि इंग्लैंड टेस्ट सीरीज धवन की नाकामी उनके टेस्ट करियर पर भारी पड़ने वाली है. क्रिकबज के साथ बात करते हुए उनका कहना था कि इंग्लैंड दौरे के बाद वेस्टइंडीज सीरीज के लिए भारतीय सेलेक्टर्स उन सलामी बल्लेबाजों को मौका देना चाहेंगे जिन्हें वे साल के आखिर में ऑस्ट्रेलिया के दौरे पर ले जाना चाहते हैं और धवन उनकी उम्मीदों पर खरे नहीं उतरे हैं.


शनिवार को कैरेबियाई टीम के खिलाफ टेस्ट सीरीज की टीम के ऐलान के साथ साथ ही धवन को लेकर हर्षा भोगले की भविष्वाणी सच साबित हुई. शिखर धवन ना सिर्फ इस सीरीज के लिए टीम इंडिया से बाहर हो गए हैं बल्कि अब उनका टेस्ट करियर भी खत्म होने के कगार पर दिख रहा है.

एमएसके प्रसाद की अगुआई में सेलेक्टर्स ने धवन और करुण नायर को बाहर करके युवा बल्लेबाज पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल को टीम में जगह दी है. जाहिर है सलेक्टर्स अब नए खून को टीम इंडिया में जगह जमाने के लिए लंबा मौका देने के मूड में हैं यानी धवन के लिए मौके अब खत्म हो चुके हैं.

एक दिन पहले ही खत्म हुए वनडे के एशिया कप में अपने बल्ले से धमाल मचाने वाले धवन जेंटलमेन गेम यानी टेस्ट क्रिकेट में सेलेक्टर्स की योजना में फिट नहीं बैठ रहे हैं तो इसमें गलती भी धवन की है. वनडे क्रिकेट में भले ही वह नियमित अंतराल पर शानदार पारियां खेलते रहे हों लेकिन टेस्ट क्रिकेट में मिले मौकों को वह भुनाने में पूरी तरह से नाकाम रहे हैं.

क्या है एशिया के बाहर धवन का प्रदर्शन

इंग्लैंड सीरीज में उन्हे चार टेस्ट मैचो में मौका मिला था जिसमें वह आठ पारियों में महज 20.25 की औसत से 162 रन ही बना सके. धवन का सर्वाधिक स्कोर रहा 44 रन . यानी भारत के इस सलामी बल्लेबाज के बल्ले से पूरी सीरीज में एक भी फिफ्टी नहीं निकली.

लेकिन बात महज इंग्लैंड दौरे की ही नहीं है. ऑस्ट्रेलिया में धवन का औसत 27.83, साउथ अफ्रीका में 18, वेस्टइंडीज में 34.50 का रहा है. एशिया के बाहर वह बस तीन बार ही 50 से ज्यादा रन बना सके हैं.

यह एक विडंबना ही है कि टेस्ट क्रिकेट के जरिए ही, अपनी पहली ही पारी में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ मोहाली में जोरदार 187 बनाने वाले धवन का टेस्ट करियर अब सूर्यास्त पर आता दिख रहा है. धवन ने अपने करियर में अब तक 34 टेस्ट मैचों में 2315 रन बनाए हैं. 40.61 की औसत है और सात शतक उनके नाम हैं.

शायद धवन को भी सेलेक्टर्स के फैसले का आभास, था तभी तो उन्होंने एशिया कप के फाइनल से एक दिन पहले इंग्लैंड में अपनी नाकामी पर कहा था कि वह अपनी क्षमता के मुताबिक ही प्रदर्शन कर रहे हैं.

बहरहाल सेलेक्टर्स ने अब टीम इंडिया की सलामी जोड़ी के लिए फाइनल कॉल ले ली है. 33 साल के होने जा रहे धवन की बजाय अब सलेक्टर्स उनसे कहीं ज्यादा युवा पृथ्वी शॉ और मयंक अग्रवाल को वह मौके देने जा रहे हैं जो कभी धवन को दिए गए थे.