महान स्पिनर शेन वॉर्न ने अपने शानदार क्रिकेट करियर और निजी जिंदगी के कुछ अनजाने पहलुओं को अपनी अपनी शीघ्र प्रकाशित होने वाली आत्मकथा ‘नो स्पिन’ के जरिए साझा किया है. ‘नो स्पिन’ में वॉर्न की सच्ची बातें है जो समाचारों के शीर्षकों के पीछे की सच्ची कहानी और उसके जुड़ी मिथकों और झूठ को चुनौती देती हैं. वॉर्नने अजेय ऑस्ट्रेलियाई टीम के ड्रेसिंग रूम में बिताये अपने समय के दौरान हुई घटनाओं का खुलासा करने में जरा भी गुरेज नहीं किया और उन्हें स्टीव वॉ ‘सबसे ज्यादा स्वार्थी’ लगते हैं तथा ‘बैगी ग्रीन’ कैप के प्रति अंधभक्ति दिखाने से उन्हें चिढ़ होती है.
क्रिकेट टीम की कैप विंबलडन में कौन पहनता है?
इस किताब के कुछ अंश ‘द टाइम्स’ अखबार में छपे हैं जिसमें इन दावों और खुलासों के बारे में बताया गया है. वॉर्न ने लिखा, ‘ऑस्ट्रेलियाई टीम की जितनी पूजा की जाती है जिसमें जस्टिन लेंगर, मैथ्यू हेडन और एडम गिलक्रिस्ट शामिल थे जिनकी इसके प्रति इतनी श्रद्धा थी. लेकिन मेरे साथ ऐसा नहीं था. वे टीम को पसंद करते थे, लेकिन ईमानदारी से कहूं तो आधे समय तो वे मुझे इससे खिन्न करते थे. मेरा मतलब है कि कौन क्रिकेट टीम की कैप विंबलडन में पहनता है? यह शर्मसार करने वाला था. मार्क वॉ को भी ऐसा ही लगता था. मुझे यह साबित करने के लिए ‘बैगी ग्रीन’ कैप की जरूरत नहीं थी कि मेरे लिए ऑस्ट्रेलिया की ओर से खेलना कितनी अहमियत रखता है या फिर हमें देख रहे लोगों के लिए यह कितनी अहमियत रखता है.’
जब टीम से बाहर कर दिया गया था
वॉ के बारे में बात करते हुए वॉर्न ने उस समय के बारे में लिखा है जब उन्हें फॉर्म में नहीं होने का हवाला देते हुए वेस्टइंडीज के खिलाफ टेस्ट सीरीज के दौरान 1999 में टीम से बाहर कर दिया गया था. अपने कप्तान का समर्थन नहीं मिलने से वॉर्न को लग रहा था कि उन्हें नीचा दिखाया गया. उन्होंने इस घटना का जिक्र करते हुए लिखा, ‘मैं उप कप्तान था और साधारण गेंदबाजी कर रहा था और टुगा (वॉ) ने चयन बैठक में शुरुआत की और कोच ज्योफ मार्श ने कहा, ‘वार्नी, मुझे नहीं लगता कि तुम्हें अगले टेस्ट में खेलना चाहिए.’
वॉर्न ने याद करते हुए लिखा, ‘चुप्पी छा गई. फिर मैंने कहा, ‘क्यों?’ मुझे जवाब मिला, ‘मुझे नहीं लगता कि तुम बहुत अच्छी गेंदबाजी कर रहे हो.’ मैंने कहा, ‘हां...सही फैसला.’ फिर मैंने कहा, ‘मेरा कंधा सर्जरी के बाद ज्यादा समय ले रहा है, जबकि मैंने ऐसा नहीं सोचा था, लेकिन मैं फॉर्म में वापसी करने करीब हूं. फॉर्म धीरे-धीरे वापस आ रही है और फिर लय भी आ जाएगी. मैं चितिंत नहीं हूं.’ वॉर्न ने लिखा, ‘निराशा इतना ज्यादा कड़ा शब्द नहीं है. जब मुश्किल का दौर आया तो टुगा ने मेरा समर्थन नहीं किया और उस व्यक्ति ने मुझे नीचा दिखाया जिसका मैंने इतने समय तक समर्थन किया था और जो मेरा अच्छा दोस्त भी था.’
करते थे मेरी हर चीज पर टोका-टाकी
इस स्पिनर को लगता है कि कप्तान बनने के बाद वॉ का रवैया बहुत खराब हो गया था. उन्होंने लिखा, ‘... मेरे प्रदर्शन के अलावा भी कुछ और घटनाएं हुईं - मुझे लगता है कि यह ईर्ष्या थी. उसने मेरी हर चीज पर टोका-टाकी शुरू कर दी, मुझे मेरी डाइट देखने को कहा और मुझे कहता कि मुझे ज्यादा समय इस बात पर लगाना चाहिए कि मैं अपनी जिंदगी में कैसा व्यक्ति बनना चाहता हूं, किस तरीके से पेश करना चाहता हूं, इस तरह की चीजें. मैंने उससे कहा, ‘दोस्त, तुम अपने बारे में सोचो.’
ऐसा रहा वॉर्न का करियर
वॉर्न टेस्ट क्रिकेट में सबसे ज्यादा विकेट हासिल करने वाले दुनिया के दूसरे गेंदबाज हैं. उन्होंने 145 टेस्ट मैच खेलकर 708 विकेट हासिल किए, जिसमें 37 बार पारी में 5 या इससे अधिक विकेट और 10 बार मैच में 10 या इससे अधिक विकेट शामिल हैं. इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि उनकी गेंदबाजी कितनी घातक रही. वहीं उन्होंने 194 वनडे मैचों में 293 विकेट लिए.
(एजेंसी इनपुट के साथ)