view all

रणजी फाइनल के लिए भी तैयार है पृथ्वी शॉ

रणजी सेमीफाइनल में शतक लगाकार सुर्खियों में आए 17 साल के पृथ्वी

Jigar Mehta

रणजी सेमीफाइनल में शतक लगाकर सुर्खियों में आए 17 साल के पृथ्वी शॉ अपने प्रदर्शन से काफी खुश हैं. पृथ्वी, रणजी में सचिन तेंदुलकर के बाद सबसे कम उम्र शतक लगाने वाले खिलाड़ी हैं. 17 साल का ये खिलाड़ी हैरिस शील्ड इंटर स्कूल टूर्नामेंट में 546 रन की पारी खेलने के बाद सुर्खियों में आया था.

चार साल बाद उन्होंने एक और बड़ा कारमाना किया है. पृथ्वी ने अपने पहले ही रणजी मैच में शतक लगाया हैं. तमिलनाडु की खिलाफ चौथी पारी में 251 रन के लक्ष्य का पीछा करते हुए पृथ्वी ने शतक लगातार अपनी टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. पृथ्वी ने फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत करते हुए अपनी स्पेशल पारी के बारे में बात की


फ़र्स्टपोस्ट: पृथ्वी आपने सेमीफाइनल में शतक लगाने के बाद पार्टी की?

पृथ्वी शॉ: नहीं, अभी तक नहीं.

फ़र्स्टपोस्ट: आप फाइनल की तैयारी कर रहे होंगे?

पृथ्वी शॉ: हां, फाइनल की तैयारी चल रही है.

फ़र्स्टपोस्ट:सेमीफाइनल में आपने अपना पहला मैच खेला, आप पांचवें दिन 251 रन का मुश्किल लक्ष्य का पीछा कर रहे थे. जब आप बल्लेबाजी के लिए जा रहे थे तो आपके मन में क्या चल रहा था?

पृथ्वी शॉ: मैंने सुबह चंद्रकांत पंडित सर से बात की थी. रणनीति यही थी कि मैं अपना नेचुरल खेल खेलूंगा. विकेट बल्लेबाजी के लिए मुश्किल था क्योंकि पांचवें दिन पिच काफी खराब थी. रणनीति यही थी कि हम अपना स्वाभाविक खेल खेले, अगर हम बचाव की स्थिति में आ जाते तो काफी मुश्किल हो सकती थी. सर ने कहा था कि जाओ और अपने शॉट खेलो.

फ़र्स्टपोस्ट: चौथे दिन जब आप बल्लेबाजी के लिए गए थे, तो आप मानसिकता क्या थी?

पृथ्वी शॉ: मैं चाहता था कि जितने ओवर बचे हैं उसे सावधानी पूर्वक खेलूं. वही हमने चौथे दिन किया. अगले दिन जब उनके तेज गेंदबाज गेंदबाजी करते तो बल्लेबाजी करना काफी आसान होता. उस पिच पर स्पिनर्स को खेलने में मुश्किल हो रही थी. तेज गेंदबाजों को भी खेलने में दिक्कत हो रही थी लेकिन स्पिनर्स के खिलाफ ज्यादा परेशानी हो रही थी.

फ़र्स्टपोस्ट: आपको कब पता चला कि आप अपना पहला मैच खेलने वाले हैं?

पृथ्वी शॉ:सेमीफाइनल से चार पांच दिन पहले मुझे कॉल आया था कि मैं सेमीफाइनल में खेलने वाला हूं.

फ़र्स्टपोस्ट: उस समय आपका क्या रिएक्शन था?

पृथ्वी शॉ: मैं काफी खुश था. मुझे नहीं लग रहा था कि मुझे सीधे सेमीफाइनल के लिए कॉल आएगा. लेकिन चयनकर्ता और कोच ने मेरे ऊपर विश्वास जताया उसका मैं आभारी हूं.

फ़र्स्टपोस्ट: इसके लिए आप कुछ खास तरह की तैयारी की थी?

पृथ्वी शॉ: मैं अंडर 19 टीम के साथ एशिया कप खेल रहा था. लेकिन वह स्थिति अलग थी. इसके बाद मैंने दो-तीन दिन रणजी टीम के साथ बिताए और कोच के साथ काम किया. इसका मुझे फायदा हुआ और मैं अच्छा प्रदर्शन कर पाया.

फ़र्स्टपोस्ट:मुंबई के ड्रेसिंग रूम का हिस्सा बन कर आपको कैसा लगा?

पृथ्वी शॉ:अभिषेक नायर, आदित्य तारे, सूर्यकुमार यादव और श्रेयस अय्यर जैसे सीनियर खिलाड़ियों का साथ ड्रेसिंग रूम शेयर करना मेरे लिए बहुत खुशी की बात है. सभी खिलाड़ियों ने मुझे सपोर्ट किया और मेरे साथ अपने अनुभव शेयर किए. वो सच में शानदार था.

फ़र्स्टपोस्ट:: मैच से पहले सचिन तेंडुलकर ने आपको कोई मैसेज दिया?

पृथ्वी शॉ: नहीं.

फ़र्स्टपोस्ट: आपने कई बड़ी पारियां खेली हैं. आपने 546 रन का स्कोर बनाया है. इसके साथ ही आपने तिहरा शतक और दोहरा शतक भी लगाए हैं. बड़े स्कोर बनाना कैसे शुरू किया?

पृथ्वी शॉ: अपने करियर की शुरुआत से, जब मैं अंडर 14 कैंप में था तो मेरे कोच ने मुझे मुंबई क्रिकेट के खडूस नेचर के बारे में सिखाया था. इसलिए करियर की शुरुआत से ही खडूस नेचर मैंने अपने अंदर डाल लिया.

फ़र्स्टपोस्ट: लंबी पारियों के लिए आपने कुछ रणनीति बनाई थी. या आप सीजन और परिस्थिति के हिसाब से खेले?

पृथ्वी शॉ: पहले से ही मैं रणनीति नहीं बनाता, मैं छोटे छोटे लक्ष्य बनाता हूं. उसके बाद गेंद के अनुसार खेलता हूं.

फ़र्स्टपोस्ट: सेमीफाइनल में आपने तेज बल्लेबाजी की थी. वह भी मुश्किल पिच पर. ये आक्रामकता आप में पहले से है या इस पर आपने मेहनत की?

पृथ्वी शॉ: हमेशा से मैं ऐसे ही बल्लेबाजी करता रहा हूं.

फ़र्स्टपोस्ट: किसी ने आपको आक्रामक बल्लेबाजी की जगह ध्यान से बल्लेबाजी करने की सलाह दी?

पृथ्वी शॉ:आपको परिस्थिति के हिसाब से खेलना होता है. परिस्थिति के हिसाब से आपको टेंपरामेंट और आक्रामकता का इस्तेमाल करना होता है.

फ़र्स्टपोस्ट:सेमीफाइनल में आप पहली पारी में 4 रन पर आउट होने के बाद जब आप ड्रेसिंग रूम में गए तो आपको कुछ सलाह मिली?

पृथ्वी शॉ: पहली पारी के बाद चंदू सर ने मुझे अकेले में बुलाया और बताया कि खेल पर थोड़ी नजर रखो क्योंकि तुम्हारे सीनियर खिलाड़ी अभी क्रीज पर हैं. उसके एक दो दिन बाद मैंने वही किया.

फ़र्स्टपोस्ट: इससे आपने क्या सीखा, कुछ नया आपको सीखने को मिला हो?

पृथ्वी शॉ: मेरे हिसाब से अंडर 19 खेलना और रणजी खेलने में बहुत फर्क है. रणजी में मैं अपने सीनियर खिलाड़ियों को देखकर काफी कुछ सीख सकता हूं.

फ़र्स्टपोस्ट: शायद आपको पता नहीं था कि आप 99 रन पर बल्लेबाजी कर रहे हैं, ऐसा पहले भी आपको साथ हुआ है, जब आपको पता नहीं चला हो कि आप रिकॉर्ड के करीब है?

पृथ्वी शॉ: दरअसल मैं अपना स्कोर गिनता नहीं हूं. इसलिए मुझे पता नहीं चलता कि मैं कितने रन पर बल्लेबाजी कर रहा हूं. मैं बस अपनी बल्लेबाजी पर ध्यान देता हूं.

फ़र्स्टपोस्ट: आपका आदर्श कौन है?

पृथ्वी शॉ: सचिन तेंदुलकर सर, मैंने उनकी बल्लेबाजी की वीडियो देखी है कि वह किस तरह अलग अलग परिस्थिति में बल्लेबाजी करते हैं. मैदान के बाहर उनका अनुशासन हम सीख सकते हैं. वह मेरे आदर्श हैं.

फ़र्स्टपोस्ट: इंडिया ए, अंडर19 और अब रणजी आपकी जिंदगी में कुछ बदलाव आया?

पृथ्वी शॉ: जब मैं अंडर 19 टीम में गया तो राहुल द्रविड़ सर कोच थे. उनके साथ का अनुभव शानदार रहा. मुझे लगता है कि मैंने अलग अलग कोचों से बहुत कुछ सीखा है.

फ़र्स्टपोस्ट: राहुल द्रविड़ की कौन-सी सलाह को आपने पूरी तरह अपनाया?

पृथ्वी शॉ: उन्होंने कुछ ज्यादा बात नहीं की. उन्होंने हमेशा सकारात्मक सोच के साथ बल्लेबाजी करने की सलाह दी. मुझे कभी भी नहीं लगा कि वह कुछ गलत बता रहे हैं. उनकी सलाह के कारण ही मैं अच्छा प्रदर्शन कर पाया.