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#MeToo: जौहरी को लेकर सीओए के हो गए दो भाग

बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी पर कुछ दिन पहले सोशल मीडिया पर एक महिला ने यौन उत्‍पीड़न का आरोप लगाया था

FP Staff

#MeToo  में फंसे बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी की परेशानियां दिन पर दिन बढ़ती ही जा रही है. अब यौन उत्‍पीड़न के आरोपों में फंसे जौहरी की जांच के लिए प्रशासको की समिति (सीओए) ने  ने तीन सदस्‍यीय कमिटी का गठन कर दिया है, इस कमिटी में इलाहाबाद हाईकोर्ट के पूर्व जज राकेश शर्मा, दिल्‍ली महिला आयोग की पूर्व चेयरपर्सन बरखा सिंह और सीबीआई के पूर्व डायरेक्‍टर पीसी शर्मा शामिल हैं. तीन सदस्‍यीय कमिटी के चेयरमेन पूर्व जज राकेश शर्मा होंगे और इस कमिटी को 15 दिनों के अंदर अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी. लेकिन यहां सीओए दो भागों में बट गई हैं. जहां डायना इडुल्‍जी सहित बीसीसीआई की सात राज्‍य इकाईयों ने जौहरी को यौन उत्पीड़न के बर्खास्‍त करने की मांग की हैं, वहीं राय का मानना है कि उससे पहले एक जांच जरूरी है.

सौराष्ट्र, तमिलनाडु, गुजरात, हरियाणा, कर्नाटक, मध्यप्रदेश, गोवा ने प्रशासकों की समिति (सीओए) को अलग अलग पत्र लिखकर सीईओ राहुल जौहरी को जांच लंबित रहने तक निलंबित करने की मांग की है.


राहुल जौहरी ने 20 अक्टूबर को अपनी सफाई जारी करते हुए कहा था कि उन पर महिला लेखक द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के सभी आरोप बेबुनियाद हैं। इसके बाद विनोद राय और पूर्व भारतीय महिला कप्तान डायना एडुल्जी ने बीसीसीआई की लीगल कमिटी के वरिष्ठ वकील के साथ 20 से 22 अक्‍टूबर तक इस मामले पर पर चर्चा की थी. इसके बाद एडुल्जी का सुझाव था कि जौहरी को या तो इस्तीफा देना चाहिए या फिर उनका करार खत्म किया जाना चाहिए, लेकिन सीओए के चेयरमेन विनोद राय इससे सहमत नहीं थे और उन्‍होंने एक स्‍वतंत्र जांच की जरूरत महसूस हुई. जिसके बाद तीन सदस्‍यों की कमिटी गठित की गई.

सोशल मीडिया पर एक अज्ञात महिला ने लगाए थे आरोप 

गौरतलब है इस समय देश में मीटू के कई बड़े मामले सामने आए हैं और उनमें से एक मामला बीसीसीआई के सीईओ राहुल जौहरी का भी है. कुछ दिन पहले एक अज्ञात ट्विटर अकाउंट से एक महिला ने उन पर गलत व्‍यवहार करने का आरोप लगाया था. ट्वीट में महिला ने अपनी आपबीती सुनाते हुए बताया कि किस तरह जौहरी ने नौकरी का झांसा देते हुए उनके साथ गलत व्यवहार किया.

बीसीसीआई का सीईओ बनने से पहले जौहरी डिस्कवरी नेटवर्क एशिया पैसिफिक के एक्सिक्यूटिव प्रेसीडेंट थे साथ ही वह साउथ एशिया के जनरल मैनेजर भी थे. जौहरी को साल 2016 मे बीसीसीआई का पहला सीईओ बनाया गया था.इसके बाद बीसीसीआई की सीओए कमेटी ने अब जौहरी से इस आरोप पर जवाब मांगा था.

उन्होंने जौहरी को सात दिन के अंदर अपनी सफाई पेश करने के लिए कहा गया था. इस मामले के चलते बीसीसीआई के अंदर भी उथल पुथल चल रही है. इसी वजह से आईसीसी की मीटिंग में भी उनकी जगह अभिताभ चौधरी गए थे, क्‍योंकि आईसीसी ने बीसीसीआई को जौहरी को भेजने के लिए मना कर दिया था.

(एजेंसी इनपुट के साथ)