लंबे वक्त से लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में कानूनी लड़ाई में उलझी बीसीसीआई को उम्मीद की किरण नजर आने लगी है. अदालत ने बीसीसीआई पदाधिकारियों के लिये दो कार्यकाल के बीच ब्रेक की जरूरत को खारिज करने के संकेत दिए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को सुनवाई के दौरान टिप्पणी की है कि वह ‘एक राज्य, एक वोट’ और बीसीसीआई पदाधिकारियों के लिये ब्रेक से संबंधित पूर्व फैसले में संशोधन पर विचार करेगी और अपना फैसला सुरक्षित कर लिया है.
अदालत के इस संकेत के बाद बोर्ड के अधिकारी इस अपने पक्ष में बता रहा हैं बोर्ड के एक्टिंग सैक्रेटरी अमिताभ चौधरी का कहना है, ‘न्यायाधीशों ने हमारी याचिका सुनी और अपना विचार व्यक्त किया जिससे हम काफी सकारात्मक हैं। मुझे अब लगता है कि हमारा (मेरा और कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी का) पक्ष सही साबित हुआ.’
कार्यकारी सचिव अमिताभ चौधरी और कोषाध्यक्ष अनिरूद्ध चौधरी ने सदस्य इकाईयों के साथ मिलकर लोढा सिफारिशों की आपत्तिजनक धाराओं का मुद्दा उठाया था.
चौधरी ने कहा, ‘ हमें अंतिम फैसले का इंतजार करना होगा लेकिन मुझे लगता है कि हमारे लिये उम्मीद की किरण है कि चीजें ठीक हो जाएंगी. अदालत ने इन आपत्तिजनक धाराओं पर हमारी सभी बहस को सुना और हम इसके लिये उनके शुक्रगुजार हैं.’
वहीं दूसरी ओर इन प्रावधानों को बनाने वाली लोढ़ा कमेटी के मुखिया आर एस लोढ़ा ने अदालत के इस रुख पर निराशा जताई है. समाचार पत्र टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि अगर ऐसा होता है तो फिर इन सिफारिशों का मूल मकसद ही खत्म हो जाएगा.
ऐसे में अब देखना होगा कि सुप्रीम कोर्ट क्या फैसला देता है.
(एजेंसी इनपुट के साथ)