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शिखर धवन ने माना, अपना सब कुछ देने के बाद भी इंग्लैंड में अच्छा नहीं कर पाया  

मैं लाल गेंद से खेलूं या फिर सफेद से, मैं खेल की अपनी समझ का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करता हूं

Bhasha

भारत के सलामी बल्लेबाज शिखर धवन ने गुरुवार को दुबई में कहा कि इंग्लैंड के खिलाफ टेस्ट सीरीज में उनकी खराब फॉर्म ‘शर्म की बात नहीं’ है, क्योंकि अपना सब कुछ देने के बाद भी उनकी योजनाओं ने काम नहीं किया.

वेस्टइंडीज के खिलाफ घरेलू सीरीज के लिए भारत की टेस्ट टीम में धवन का स्थान खतरे में है, लेकिन यह सलामी बल्लेबाज इसे लेकर परेशान नहीं हैं. सीमित ओवरों के क्रिकेट में अच्छे प्रदर्शन की बदौलत अतीत में टेस्ट टीम में वापसी करने वाले धवन मौजूदा एशिया कप में भी अच्छी फॉर्म में हैं.


धवन ने कहा, ‘मुझे लगता है कि जब भी आप अच्छा प्रदर्शन करते हैं तो इससे मदद मिलती है. अगर फायदा होना होगा तो हो जाएगा, नहीं होना होगा तो नहीं होगा. मैं लाल गेंद से खेलूं या फिर सफेद से, मैं खेल की अपनी समझ का पूरा फायदा उठाने की कोशिश करता हूं.’

इस सलामी बल्लेबाज ने कहा, ‘अगर आप इंग्लैंड टेस्ट की बात करें तो मैंने अच्छा नहीं किया, लेकिन मैंने अपना सब कुछ झोंक दिया. अन्य खिलाड़ी मेरे से बेहतर खेले. मैं इसे स्वीकार करता हूं. इसमें कोई शर्म नहीं है. इसके बाद मैं यहां सफेद गेंद से क्रिकेट खेलने आया, अलग हालात के कारण मेरी योजनाएं अलग थीं. कभी ये काम करती हैं और कभी नहीं.’

कड़ी चुनौती पेश करेगी बांग्लादेश की टीम  

शुक्रवार को होने वाले फाइनल के बारे में धवन ने कहा कि बांग्लादेश की टीम कड़ी चुनौती पेश करेगी. भारत ने सुपर चार चरण में बांग्लादेश पर आसान जीत की थी. उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तान की टीम कागजों पर भले ही बड़ी टीम हो, लेकिन बांग्लादेश ने उनसे बेहतर क्रिकेट खेला और एक बार फिर फाइनल में पहुंचे. उन्हें हराना हमेशा मुश्किल होता है विशेषकर स्वदेश में. वे अपने प्रदर्शन से दिखा रहे हैं कि वे कितने बेहतर हो गए हैं. उन्हें पता है कि दबाव में कैसे खेलना है.’

कोई अतिरिक्त दबाव नहीं

धवन और रोहित शर्मा ने भारत को मजबूत शुरुआत दिलाई है और यह उनके कारणों में से एक है जिसके कारण भारत टूर्नामेंट में अब तक अजेय है. यह पूछने पर कि क्या नियमित कप्तान विराट कोहली की गैरमौजूदगी में सीनियर बल्लेबाजों रोहित और उन पर अतिरिक्त दबाव है, धवन ने कहा, ‘ऐसा नहीं है कि विराट की गैरमौजूदगी में हमें महसूस हुआ कि हमारे ऊपर अधिक जिम्मेदारी है. यह ऐसा टूर्नामेंट है जहां प्रबंधन उभरते हुए खिलाड़ियों को मौका दे सकता था और देखता कि कौन मध्यक्रम में बल्लेबाजी करने में सक्षम हैं. यही कारण है कि हमने आराम लिया (अफगानिस्तान के खिलाफ) जिससे कि क्रीज पर समय नहीं बिताने वाले खिलाड़ी ऐसा कर पाएं. विराट हो या नहीं, मैं और रोहित प्रत्येक मैच में एक ही रवैये से उतरते हैं और समान प्रयास करते हैं. बेशक यहां और इंग्लैंड के हालात में काफी अंतर हैं लेकिन इससे निपटने के लिए हमने अच्छी ट्रेनिंग की.’