view all

...तो बंगाल क्रिकेट के अध्यक्ष नहीं बल्कि टीम इंडिया के कोच बनना चाहते थे गांगुली

सौरव का खुलासा, जगमोहन डालमिया के कहने पर क्रिकेट एडमिनिस्ट्रेशन में आजमाया हाथ

FP Staff

डंकन फ्लेचर की विदाई के बाद टीम इंडिया के ने कोच के लिए बीसीसीआई ने बहुत माथापच्ची की थी. सौरव गांगुली, सचिन तेंदुलकर और वीवीएस लक्ष्मण के तौर पर एक क्रिकेट एडवायजरी का गठन किया गया था जिसे भारत का कोच चुनने की जिम्मेदारी दी गई थी. लेकिन इस कमेटी में शामिल सौरव गांगुली खुद ही भारत का कोच बनना चाहते थे. यह खुलासा किसी और ने नहीं बल्कि खुद टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली ने किया है. उन्होंने कहा है कि वह राष्ट्रीय कोच बनने के लिये ‘बेताब’ थे लेकिन अंत में प्रशासक बन गए.

गांगुली ने कहा, ‘आपको वही करना चाहिए जो आप कर सकते हो और नतीजे के बारे में नहीं सोचना चाहिए. आपको नहीं पता कि जिंदगी आपको कहां तक ले जाएगी. मैं 1999 में ऑस्ट्रेलिया गया था, मैं तब उप कप्तान भी नहीं था. सचिन तेंदुलकर कप्तान थे और तीन महीनों में मैं भारतीय टीम का कप्तान बन गया.’


सौरव गांगुली ने एक कार्यक्रम में कहा, ‘जब मैं प्रशासनिक गतिविधियों से जुड़ा तो मैं राष्ट्रीय टीम का कोच बनने के लिये बेताब था. जगमोहन डालमिया ने मुझे फोन किया और कहा कि ‘तुम छह महीने के लिए क्यों नहीं कोशिश करते. उनका (डालमिया का) निधन हो गया और कोई भी आसपास नहीं था इसलिए मैं बंगाल क्रिकेट संघ का अध्यक्ष बन गया. लोगों को अध्यक्ष बनने में 20 साल लगते हैं.’

( एजेंसी इनपुट के साथ)