क्या आपके बच्चे जब बड़े हो रहे थे, वो वक्त उनके लिए भी चुनौती भरा था.. ये जानते हुए कि वो आपके यानी सेलिब्रिटी के बच्चे हैं?
सचिन – बिल्कुल चुनौती भरा था. इसमें कोई शक नहीं है. जब आप लगातार फोकस में हों, तो ऐसा होता है. मेरा बचपन वैसा नहीं था. आपका भी नहीं होगा. हम सबको एक आजादी मिली थी. वो जिंदगी की बेस्ट चीज थी. अर्जुन क्रिकेट खेलता है. इसीलिए मैं आप सबसे कहता हूं कि अपने आर्टिकल में उसके परफॉर्मेंस पर बात कीजिए. और किसी बात पर नहीं.
एक पिता के तौर पर भी आपके लिए क्या ये चैलेंजिंग रहा?
सचिन – अर्जुन पर अलग तरह का दबाव रहा. लोग कई बार उसके साथ तस्वीर खिंचाना चाहते हैं. वो मेरी तरह है, थोड़ा शर्मीला और रिजर्व नेचर का. मैं कई बार समझाता हूं कि लोग प्यार करते हैं, इसलिए तस्वीर खिंचाना या मिलना चाहते हैं. मैं उसे वही मैसेज देता हूं, जो मेरे पिता मुझे देते थे. जिंदगी में बेस्ट की कोशिश करो. तुम जो करना चाहते हो उसकी पूरी आजादी है. लेकिन अच्छे इंसान बनो.
फिल्म देखकर आपके बच्चों की क्या प्रतिक्रिया थी?
सचिन – जिंदगी पूरा सर्किल घूम गई है. जब वे बच्चे थे और उनके पास वक्त था, तो मैं उन्हें वक्त नहीं दे पाता था. अब मेरे पास वक्त ही वक्त है, तो हमारा कैलेंडर मैच नहीं करता. उनकी क्लासेज, लेक्चर होते हैं, जिन्हें वे नहीं छोड़ सकते. लेकिन उन्होंने फिल्म देखी और पसंद की. दुनिया के लिए मैं क्रिकेटर हूं. लेकिन उनके लिए मैं पहले पिता हूं. इसलिए ये अहम था कि वो फिल्म देखकर कैसे रिएक्ट करते हैं. जब उन्होंने अच्छी तरह रिएक्ट किया, तो मुझे समझ आ गया कि जेम्स ने अच्छा काम किया है.
क्या फिल्म पाकिस्तान में भी रिलीज होगी?
सचिन – मैं डिस्ट्रीब्यूटर से बात करके इस बारे में चेक करूंगा. मुझे हाल में किस तरह के डेवलपमेंट हुए हैं, पता नहीं है.
आपकी शुरुआती फुटेज है, जिसमें टॉम ऑल्टर ने इंटरव्यू किया है. क्या आप अपने उस पहले इंटरव्यू में नर्वस थे?
सचिन – ज्यादा कुछ बदला नहीं है. मैं अब भी इंटरव्यू के समय नर्वस होता है. उस समय ये मेरे लिए बिल्कुल नई चीज थी. मुझे आदत नहीं थी. मुझे इंडिया नेट्स में कपिल देव और बाकियों के खिलाफ बैटिंग के लिए बुलाया गया था. वेंगसरकर सर ने मुझे बुलाया था.
टॉम ने मुझसे कपिल देव के बारे में पूछा. पूछा कि उनकी गेंदों का सामना करना कैसा लगा. मेरा जवाब था कि वो भी अच्छे हैं. ये मेरा जवाब था. उससे पहले उन्होंने पूछा कि आप स्पिन के सामने ज्यादा सहज है या तेज गेंदबाजी के सामने. मैंने कहा था कि मुझे फास्ट बॉलिंग पसंद है क्योंकि बैट पर अच्छी तरह आती है और मैं हिट कर सकता हूं. उसके बाद उन्होंने कपिल देव वाला सवाल पूछा. जिस पर मैंने कहा कि वो भी अच्छे हैं.
वर्ल्ड कप फाइनल में जब आप स्टेडियम से बाहर आ रहे थे, तो विराट से क्या कहा?
सचिन - मैंने विराट से कहा कि बॉल स्विंग हो रही है. ड्यू यानी ओस थी. ऐसे में बीच में बॉल स्विंग नहीं हुई. इसलिए मैं सिर्फ बताना चाहता था कि स्विंग हो रही है.
पाकिस्तान दौरे से पहले एक इंटरव्यू में पढ़ा था, जिसमें आपने कहा कि वेस्टइंडीज दौरे के लिए न चुने जाने से आप निराश थे?
सचिन – बिल्कुल, मुझे अच्छी तरह याद है कि वानखेडे स्टेडियम में राजभाई आए (राजसिंह डूंगरपुर). वो उस वक्त सलेक्शन कमेटी के चेयरमैन थे. रणजी ट्रॉफी का सेमीफाइनल चल रहा था और हम दिल्ली के खिलाफ खेल रहे थे. मैं सुबह नेट सेशन में था. मुझए याद है कि वो मेरे पास आए और कहा, ‘सचिन, इस रणजी मैच के बाद तुम अपने एसएससी एक्जाम पर फोकस करो. तुम इंडिया के लिए खेलोगगे. लेकिन तुम वेस्टइंडीज नहीं जा रहे हो.’
राज भाई हमेशा बहुत साथ देते थे. मुझे याद है, मेरा पहला इंग्लैंड दौरा था. मैं स्टार क्रिकेट क्लब और कैलाश गट्टानी के साथ गया था. राज भाई ही थे, जो स्पॉन्सर लाए थे, ताकि मैं इंग्लैंड जा सकूं. उस समय ऐसा होना आसान नहीं था. मुझे लगता था कि इंग्लैंड जाना चाहिए, क्योंकि वहां सीखने के लिए काफी कुछ होगा. यकीनन राज भाई का मेरी जिंदगी में अहम रोल रहा है.
क्या अब भी आपको मलाल है कि 2003 में विश्व कप नहीं जीत पाए?
सचिन – 2003... 1996 क्यों नहीं? जब भी आप किसी टूर्नामेंट में खेलते हैं, तो उसे जीतना चाहते हैं. कई बार आप इसमें कामयाब होते हैं. ऐसी बहुत कम टीमें हैं, जिन्होंने दो बार वर्ल्ड कप जीता – वेस्टइंडीज, ऑस्ट्रेलिया और भारत.
मुझे लगता है कि अगर आज वही मैच खेलने को कहा जाता, तो हम लोग अलग तरह से खेलते. 2003 में उस रोज हम चार्ज्ड अप थे. पहली गेंद से ही. अब लोग इसलिए मैच अलग तरह से खेलेंगे, क्योंकि अब टी 20 है. उस दौर में 358 बहुत बड़ा टारगेट होता था आज भी है, लेकिन 2003 जितना मुश्किल अब नहीं माना जाता. आपने देखा है कि टीम ने 434 रन चेज किए. हमने भी कई बार 325-340 रन बनाए हैं. क्योंकि फॉरमेट बदला है. नियम बदले हैं, माहौल बदला है. इसके अलावा टी 20 आने के बाद माइंडसेट बदला है.