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रोहित शर्मा ने कहा, लंबे दौरों से शरीर पर काफी प्रभाव पड़ता है

भारतीय वनडे टीम के उपकप्तान ने कहा, अच्छा हो अगर विदेशी दौरे पर सिर्फ एक प्रारूप में खेलें

FP Staff

भारतीय वनडे टीम के उपकप्तान रोहित शर्मा ने कहा कि एक ही दौरे पर तीनों प्रारूपों में खेलने से खिलाड़ियों के शरीर पर असर पड़ता है अच्छा होगा अगर भविष्य में दौरे पर एक ही प्रारूप का क्रिकेट खेला जाए. भारतीय टीम दो महीने के लिए साउथ अफ्रीका के दौरे पर हैं, जहां तीन मैचों की टेस्ट सीरीज खत्म होने के बाद अब टीम को डरबन में एक फरवरी से शुरू हो रहे छह वनडे और फिर तीन टी-20 मैचों की सीरीज में खेलना है.

मौजूदा दौरे के कार्यक्रम के बारे में पूछे जाने पर रोहित ने कहा, ‘ ऐसी बातों पर चर्चा हुई है कि एक प्रारूप में खेलने के बाद हम घर जाएं. भारत के लिए, ऐसा कभी नहीं हुआ. हम जब भी दौरे पर रहे है तो हमने सभी सीरीजों को एक ही बार में खेला है. हां, इससे शरीर पर काफी प्रभाव पड़ता है.’


हालांकि रोहित की बातों के उलट भारत और ऑस्ट्रेलिया के करार के तहत अब टीम को टेस्ट और वनडे मैचों के लिए अलग-अलग दौरे पर जाना है. जबकि इंग्लैंड और साउथ अफ्रीका के मामले में ऐसा नहीं है.

रोहित ने कहा, ‘हमने पहले भी कहा है कि एक प्रारूप खिलाड़ियों के लिए अच्छा रहेगा, हालांकि पहले की भारतीय टीम ने दौरे पर पूरी सीरीज खेली है. लेकिन भारत के दौरे पर आने वाली टीमों के साथ ऐसा नहीं है. वे भारत आते है एक प्रारूप में खेलते है और चले जाते है, तरोताजा होकर फिर भारत आते हैं.

साउथ अफ्रीका दौरे से पहले वनडे सीरीज में शानदार फॉर्म में रहने के बाद टेस्ट सीरीज में असफल रहने के बारे में पूछे जाने पर मुंबई के इस बल्लेबाज ने कहा, ‘ ऐसा नहीं है कि मैं टेस्ट मैच में कोशिश नहीं करता हूं. मैं जिस प्रारूप में भी खेलता हूं अपनी ओर से पूरी कोशिश करता हूं. कई बार सफल होता हूं, कई बार असफल लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि आपको बहुत ज्यादा बदलाव करने की जरूरत है.  आपको खुद पर भरोसा करने की जरूरत है. आप ने यहां तक का सफर खेल में सफलता से तय किया है. मैं कई बार मुश्किल स्थिति में रहा हूं. इसलिए मैं एक बार में एक मैच को ले रहा हूं.’

(एजेंसी इनपुट के साथ)