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टीम इंडिया के लिए राहत,  केपटाउन में सूखे के कारण पिच पर हो सकता है कम उछाल

मैदानकर्मी इवान फ्लिंट ने कहा, पिच थोड़ी सूखी होगी और उतनी हरी नहीं होगी जितनी हम इसे देखना चाहते थे

FP Staff

दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ टेस्‍ट सीरीज के पहले  यह खबर भारतीय टीम के लिहाज से अच्‍छी कही जा सकती है. घरेलू पिचों पर शानदार प्रदर्शन करने वाली भारतीय टीम के लिए ये दौरा किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है. लेकिन भारतीय टीम को दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ केपटाउन में पांच जनवरी से शुरू हो रहे पहले टेस्ट के दौरान न्यूलैंड्स की पिच पर शायद उस तरह के उछाल का सामना नहीं करना पड़े, जिसकी वे उम्मीद कर रहे हैं.

दरअसल, कई वर्षों से यहां पड़ रहे सूखे ने मैदानकर्मियों के लिए घरेलू टीम के लिए मुफीद पिच तैयार करने में मुश्किल पैदा की है. रिपोर्ट के अनुसार यहां लोगों को प्रत्येक दिन 87 लीटर से ज्यादा पानी का इस्तेमाल नहीं करने को कहा गया है. न्यूलैंड्स में बोरहोल-वाटर सप्लाई प्रणाली है, लेकिन मैदानकर्मी इवान फ्लिंट ने ईएसपीएनक्रिकइंफो से कहा कि चीजें पेचीदा हो सकती हैं. उन्होंने कहा, ‘पिच पर हम आमतौर पर प्रत्येक दिन बोरहोल सप्लाई से पानी दे रहे हैं. लेकिन आउटफील्ड पर हमने एक हफ्ते में केवल दो बार ही पानी दिया है इसलिए यह थोड़ी सूखी होगी और उतनी हरी नहीं होगी जितनी हम इसे देखना चाहते थे.’


फ्लिंट ने कहा, ‘चुनौती यह है कि हमें घास विकेट पर छोड़नी पड़ेगी, जो पतली घास है ताकि इसमें तेजी रहे. लेकिन हम यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि गेंद इतनी टर्न नहीं करे. आदर्श रूप से हमें सुबह थोड़ी बारिश की जरूरत है और फिर दोपहर में धूप की. मुझे नहीं पता कि हमें इसे मिलने में कितने दिन लगेंगे.’ क्यूरेटर को हालांकि फिर भी उम्मीद है कि वे सख्त उछाल भरी पिच तैयार कर सकते हैं.

भारतीय टीम के लिए दक्षिण अफ्रीका का दौरा कठिन माना जा रहा है. क्योंकि, यहां की पिच बेहद तेज और उछालभरी होती हैं. मेहमान टीम उछाल भरी पिचों पर खेलने की अभयस्त नहीं है. ऐसे में न्यूलैंड्स की पिच रिपोर्ट टीम इंडिया के लिए बेशक खुशखबरी है. इस दौरे पर जीत दर्ज कर भारतीय टीम उस सूखे को भी खत्म करना चोहेगी, जो पिछले 25 सालों से लगातार चला आ रहा है. भारत और दक्षिण  अफ्रीका के बीच तीन टेस्ट, छह वनडे और तीन टी-20 मैचों की सीरीज के खेली जानी है.