view all

क्या बेनक्रॉफ्ट की बॉल टेंपरिंग 'मी टू' के बराबर है!

यौन उत्पीड़न के खिलाफ शुरू हुआ था मी टू कैंपेन

Kiran Singh

पिछले दो दिनों से खेल जगत के गलियारों में सिर्फ एक ही बात चल रही है बॉल टेंपरिंग, जो आॅस्ट्रेलिया टीम ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ तीसरे टेस्ट मैच के तीसरे दिन किया. बॉल टेंपरिंग यानी गेंद से छेड़खानी, जिस वजह से हर जगह आॅस्ट्रेलियाई टीम पर तीखी टिप्पणियां हो रही है. उन्हें चीटर तक कहा जाने लगा. यही नहीं द मॉर्निंग सिडनी हेराल्ड ने अपने एक आर्टिकल में बॉल टेंपरिंग की तुलना सेक्सुअल असॉल्ट और हैरेसमेंट से कर दी है. उन्होंने इसे "मी टू" मूवमेंट बताया.

मतलब यह कि यौन उत्पीड़न की शिकार महिलाओं को अभिव्यक्ति की हिम्मत देने वाले इस कैंपेन को बॉल टेंपरिंग के साथ एक ही तराजू में तोल दिया. महिलाओं के साथ छेड़खानी और गेंद के साथ छेड़खानी बराबर मानी जा रही है.(कुछ लोगों के लिए गेंद के साथ छेड़खानी महिला छेड़खानी से बड़ा मामला है). हालांकि ऐसी सोच रखने वाले लोगों को सोशल मीडिया पर गेंद से छेड़खानी और महिलाओं के साथ छेड़खानी में फर्क भी समझाया जाने लगा है.


क्या है गेंद के साथ छेड़खानी

आॅस्ट्रेलियाई खिलाड़ी कैमरन बेनक्रॉफ्ट मैच के दौरान बॉल टेंपरिंग करते हुए दिखाई दिए थे, उनके हाथ में पीले रंग का कुछ दिखाई दिया था, जिसका इस्तेमाल वह गेंद पर कर रहे थे. इस घटना के बाद स्टीव स्मिथ, डेविड वॉर्नर और बेनक्रॉफ्ट को सजा भी सुनाई जा चुकी है. बॉल टेंपरिंग मतलब गेंद से छेड़छाड़ करना, अधिकतर खिलाड़ी गेंद में चमक लाने के लिए उसे तौलिए या फिर अपने ट्राउजर में पोछते हैं, अगर वह इसके लिए किसी कृत्रिम पदार्थ का इस्तेमाल करता है तो उसे बॉल टेंपरिंग माना जाता है.

क्या है मी टू कैंपेन

2006 में सामाजिक कार्यकर्ता टराना बुर्के ने महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाई और कहा कि दुनिया भर की जो भी महिलाएं इसकी शिकार हुई है वे मी टू शब्द के साथ अपने साथ घटी घटना को बताएं, लेकिन 2017 में यह एक बार फिर चर्चा में आया और दुनिया भर की महिलाओं ने इस शब्द के साथ अपने साथ घटी घटना के खिलाफ आवाज उठाई. 2017 में हॉलीवुड अभिनेत्री एलीसा मिलानो द्वारा प्रोड्यूसर हार्वे वींसटीन के यौन उत्पीड़न के खुलासे के बाद इस शब्द ने एक ही दिन में क्रांति ला दी थी.

यौन उत्पीड़न की तुलना गेंद टेंपरिंग से

अब वापस से यह शब्द चर्चा में आ गया है, लेकिन इस बार यह बॉल टेंपरिंग की वजह से चर्चा में आ गया. सोशल मीडिया पर बॉल टेंपरिंग का यौन उत्पीड़न के साथ तुलना करने पर बवाल मच गया है. लॉरेन इनग्राम ने कहा कि कैसे कुछ पुरुष यौन उत्पीड़न को समझते हैं. वह मी टू कैंपेन की तुलना बॉल टेंपरिंग से कर रहे हैं.