गौतम गंभीर की बेहतरीन शतकीय पारी और कुणाल चंदेला के जोरदार शतक की मदद से दिल्ली ने बंगाल के खिलाफ रणजी ट्राफी सेमीफाइनल के दूसरे तीन विकेट पर 271 रन बनाकर खुद को बेहतर स्थिति में पहुंचा दिया.
बंगाल ने अपनी पहली पारी में केवल 286 रन बनाए थे और दिल्ली का पहली पारी में बढ़त बनाना तय है. दिल्ली की टीम अभी बंगाल से केवल 15 रन पीछे है.
गंभीर (127) ने अपना 42वां शतक और अपना तीसरा प्रथम श्रेणी मैच खेल रहे चंदेला (113) ने पहला शतक जमाया. इन दोनों ने पहले विकेट के लिये 232 रन की साझेदारी करके दिल्ली को शानदार शुरुआत की. बंगाल ने हालांकि तीसरे सेशन में अच्छी वापसी की और इस बीच केवल 51 रन दिये और तीन विकेट हासिल किए.
गंभीर और चंदेला ने बेहतरीन बल्लेबाजी का नजारा पेश किया तथा मोहम्मद शमी (83 रन देकर एक विकेट) और अशोक डिंडा (86 रन देकर एक विकेट) इन दोनों पर कोई प्रभाव नहीं छोड़ पाए. गंभीर की पारी की खासियत उनका सकारात्मक रवैया रहा और वह दिल्ली के लिये महत्वपूर्ण रन जुटाते रहे. दर्शकों ने उनके स्क्वायर कट, पुल और ड्राइव का पूरा लुत्फ उठाया.
यही नहीं बाएं हाथ के इस बल्लेबाज गंभीर ने बेहद शांत रवैया भी दिखाया और जब डिंडा ने जानबूझकर फॉलो-थ्रू में उनकी तरफ गेंद फेंकी तो वह लाइन से हट गए और उन्होंने कोई प्रतिक्रिया नहीं की.
गंभीर ने आमिर गनी पर कवर ड्राइव से लगातार दो चौके जड़कर 122 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया. शतक पूरा करने के बाद उन्होंने नये सिरे से गार्ड लिया.
दूसरी तरफ चंदेला ने आगे पिच की जाने वाली गेंदों का इंतजार किया जिन पर उन्होंने कुछ दर्शनीय कवर ड्राइव लगाए. गनी पर जमाया गया उनका छक्का लाजवाब था. इसी तरह से उनके 18 चौके भी उनके कौशल को बयां करते हैं. उन्होंने 150 गेंदों पर अपना शतक पूरा किया. बी अमित ने चंदेला को विकेट के पीछे कैच कराकर यह साझेदारी तोड़ी जबकि डिंडा ने ध्रुव शोरे (12) को देर तक नहीं टिकने दिया.
गंभीर की एकाग्रता आखिर में शमी ने भंग की. दिन के आखिरी ओवर में उन्होंने विकेटकीपर श्रीवत्स गोस्वामी को कैच थमाया. उन्होंने 216 गेंद की अपनी पारी में 21 चौके लगायए. स्टंप उखड़ने के समय नितीश राणा 11 रन पर खेल रहे थे.