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आईपीएल में 'राजस्थान' रॉयल्स को बचाने में जुटी वसुंधरा सरकार

राजे सरकार ने बीसीसीआई को चिट्ठी लिखकर आईपीएल के मैचों के आयोजन की जिम्मेदारी लेने की बात कही

FP Staff

आईपीएल में साल 2013 में स्पॉट फिक्सिंग की घटना के बाद दो टीमों पर पाबंदी लगी थी. दो साल की पाबंदी झेलकर राजस्थान रॉयल्स और चेन्नई सुपरकिंग्स यानी सीएसके की टीमें वापसी कर रही हैं. सीएसके ने तो अपनी वापसी के जश्न को शानदार बनाने के जोरदार तैयारियां कर लीं. चेन्नई के फैंस भी उसके इंतजार में हैं. लेकिन दूसरी तरफ हालात अलग हैं. राजस्थान के फैंस के लिए राजस्थान रॉयल्स की वापसी झटका देने वाली हो सकती है.

सूत्रों के हवाले से खबर है कि राजस्थान रॉयल्स ने बीसीसीआई से अपना बेस जयपुर से हटाकर पुणे या फिर गुवाहाटी करने गुजारिश की है. दरअसल फ्रेंचाइजी राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन से जुड़े विवादों और उसके निलंबन के झंझट में नहीं पड़ना चाहती है. साथ ही, फ्रेंचाइजी ने अपने नाम से ‘राजस्थान’ को हटाकर बस रॉयल्स ही रहने देने मांग की है.


फ्रेंचाइजी की इस मांग से साफ है कि आईपीएल में राजस्थान की टीम अब इतिहास बनने वाली है. इसी खतरे के चलते राजस्थान की वसुंधरा राजे सरकार हरकत में आई है. राजे सरकार के खेल मंत्री गजेंद्र सिंह ने बोर्ड के सीईओ को एक चिट्ठी लिखकर राजस्थान में होने वाले आईपीएल के मुकाबलों के आयोजन के लिए सभी जरूरी सुविधाएं मुहैया करना का भरोसा दिलाया है.

ऐसे में अब राजस्थान रॉयल्स की टीम राजस्थान में रहती है या नहीं इसका फैसला अगले महीने की 21 तारीख को बोर्ड की फ्रेंचाइजियों के मालिकों के साथ होने वाली मीटिंग के बाद ही होगा. साल 2008 में राजस्थान की टीम आईपीएल के पहले ही सीजन में इस टूर्नामेंट की चैंपियन बनी थी.