मैदान खेलने के लिए होता है या राजनीतिक कामों के लिए. यह बहस काफी समय से चलती आई है. इसी बहस के चलते स्कूल मैच में हजार रन बनाने वाले क्रिकेटर प्रणव धनावडे को कुछ समय पुलिस स्टेशन में बिताना पड़ा. प्रणव पर पुलिस के काम में दखलंदाजी और बहस करने का आरोप लगाया गया है.
मंत्री के लिए बनाया जाना था हेलिपैड
हुआ कुछ ऐसा कि कल्याण के सुभाष मैदान पर धनावडे और उनके कुछ दोस्त क्रिकेट खेल रहे थे. उसी समय पुलिस ने मैदान पर सुरक्षा कारणों से कब्जा कर लिया और इन लोगों को वहां से हटने के लिए कहा. वजह ये थी कि मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर की कल्याण यात्रा के लिए हेलिपैड बनना था. पीडब्ल्यूडी हेलिपैड बनाने का काम देख रही थी.
ड्यूटी पर मौजूद गार्ड ने सभी खिलाड़ियों को हटने के लिए कहा. धनावडे और उनके दोस्तों ने बहस शुरू की कि अगर मैदान पर न खेलें, तो कहां खेलें. कुछ ही मिनटों में कुछ पुलिसकर्मियों के साथ एक अधिकारी पहुंचे. उनसे भी बहस हुई.
धनावडे को हिरासत में लिया गया
धनावडे ने पुलिस से परमिशन के कागज दिखाने को कहा, जिसके बाद उन्हें पुलिस स्टेशन ले जाया गया. एक अधिकारी के मुताबिक धनावडे को चेतावनी देकर छोड़ दिया गया.
धनावडे का नाम क्रिकेट सर्किल में पहली बार तब आया था, जब उन्होंने दो दिन के एक मैच में 1009 रन बनाए थे. उनकी इस पारी में 59 छक्के और 129 चौके थे. मुंबई क्रिकेट एसोसिएशन ने इसके बाद उनके लिए पांच साल तक स्कॉलरशिप की घोषणा की थी.
इस बीच दिलचस्प बात ये है कि जावडेकर ने हेलिकॉप्टर के बजाय सड़क से जाने का फैसला किया. एक चैनल से बातचीत में जावड़ेकर ने कहा कि खेल के मैदान को हेलिपैड की तरह इस्तेमाल करना ठीक नहीं. इसीलिए उन्होंने हेलिकॉप्टर के बजाय सड़क से जाने का फैसला किया है.