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कोच को चुनने के लिए पैसे चाहते हैं सचिन-सौरव-लक्ष्मण, बोर्ड ने किया खंडन

बीसीसीआई ने किया ने किया उन खबरों का खंडन जिनके मुताबिक सीएसी अपने काम के लिए बोर्ड से मेहनताना चाहती है.

FP Staff

बीसीसीआई ने स्पष्ट किया है कि टीम इंडिया के कोच चयन के लिए  क्रिकेट एडवाइजरी कमेटी ( सीएसी) ने भुगतान किए जाने की कोई मांग नही की है. बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी की ओर से भेजे गए एक मेल इस तरह की किसी भी खबर का खंडन किया है. राहुल जौहरी ने इस तरह की खबरों को पूर्व क्रिकेटरों की छवि को धूमिल करने की कोशिश करार दिया है.सीएसी में सचिन तेंदुलकर,सौरव गांगुली और वीवीएस लक्ष्मण शामिल हैं.

दरअसल समाचार पत्र ‘द इंडियन एक्सप्रेस' में छपी खबर के मुताबिक सीएसी ने बोर्ड के सीईओ राहुल जौहरी को कहा था कि नए कोच को चुनने के एवज में उन्हें पैसों का भुगतान होना चाहिए. बोर्ड ने बतौर कोच अनिल कुंबले का एक साल का कार्यकाल पूरा होने के बाद नए कोच के लिए आवेदन मंगाए थे. और इस प्रक्रिया के तहत बीते गुरुवार को इंग्लैंड में राहुल जौहरी ने सीएसी के साथ एक मीटिंग की थी. खबर के मुताबिक इसी मीटिंग में इन पूर्व क्रिकेटरों में अपने लिए पैसों की मांग की और राहुल जौहरी ने इस मांग को विनोद राय की अगुआई वाली बोर्ड प्रशासकों की कमेटी तक पहुंचा दिया.


रिपोर्ट बताती है कि भारतीय क्रिकेट के इन ‘ बिग थ्री’ की इस मांग से बोर्ड का एक सेक्शन काफी नाराज लग रहा है. उनकी दलील है कि सीएसी बोर्ड की ही एक सब-कमेटी है और ऐसी कमेटी के सदस्यों को भुगतान नहीं किया जाता है. इसके अलावा कमेटी एक सदस्य सौरव गांगुली तो खुद बोर्ड के पदाधिकारी है. जबकि सचिन और लक्ष्मण बोर्ड के अनुबंधित कमेंटेटर हैं.

गौरतलब है कि साल 2015 में बोर्ड का तत्कालीन अध्यक्ष जगमोहन डालमिया ने इस कमेटी का गठन किया था. डालमिया की मंशा थी कि क्रिकेट से जुड़े मसलों पर पूर्व क्रिकेटरों की भी अहम भूमिका होनी चाहिए. उस वक्त भी इस कमेटी ने पैसों के भुगतान की मांग की थी. लेकिन माना जाता है कि डालमिया ने इस मांग को ठुकरा दिया था.