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आज का दिन: 24 सितंबर को भारत-पाक के बीच वैसा ही मुकाबला हुआ था, जिसकी तलाश एशिया कप में हो रही है

अगर मिस्‍बाह का वह शॉट बाउंड्री पार चला जाता तो भारतीय टीम इतिहास रचने से चूक जाती

Kiran Singh

खिताब की प्रबल दावेदार मानी जा रही भारतीय टीम ने पाकिसतान को आसानी से मात देकर एशिया कप के सुपर फोर के फाइनल में जगह बना ली है. इस जीत के अगले दिन 24 सितंबर की तारीख से भले ही किसी भारतीय को कुछ याद न आए, लेकिन अगर ये कहे जोगिन्‍दर शर्मा के करियर का सबसे बड़ा विकेट कौनसा था या फिर श्रीसंत के लिए आपके दिल से किस समय दुआए निकली तो शायद आपका जवाब होगा 2007 में, तारीख 24 सितंबर को और वह भी देर शाम को, जब पाकिस्‍तान को पहला टी20 खिताब जीतने के लिए 5 रन की जरूरत थी और उसके 9 विकेट गिर चुके थे. यानी एक छक्‍का भी भारतीय टीम का सपना तोड़ सकता था और ऐसे में आखिरी ओवर के लिए महेन्‍द्र सिंह धोनी ने नए खिलाड़ी जोगिन्‍दर शर्मा पर भरोसा दिखाया. ओवर की तीसरी गेंद पर मिस्‍बाह उल हक ने काफी बड़ा शॉट खेला, वो शॉट इतना बड़ा था कि उसके नीचे तक पहुंचने से पहले ही भारतीय प्रशंसकों  ने काफी कुछ अपनी अंदर की आंखों से देख लिया था. जैसे मैच खत्‍म, यानी ये तो बाउंड्री पार जाएगी या फिर ये चौका होगा और अगली गेंद पर सिंगल लेकर पाकिस्‍तान खिताब जीत जाएगा.  या धोनी को नए खिलाड़ी को गेंद थमाने की क्‍या जरूरत थी. कुछ ने तो ऐसा भी सोचा होगा कि चाहे तो किसी ने भी हार जाते, लेकिन पाकिस्‍तान से नहीं और वह भी फाइनल.

जितनी देर गेंद हवा में थी, उतनी देर में तो हर भारतीयों के आंखों से अच्‍छी खासी धाराएं निकलने लगी थी. गेंद नीचे आई और ये क्‍या...नीचे श्रीसंत खड़े थे, गेंद उनके हाथों में और इसके बाद जोहांसबर्ग में मिली इस जीत के जश्‍न ने सितंबर के माह में भारत को दीवाली मनाने पर मजबूर कर दिया.


यह भी एक संयोग ही है कि सोमवार को भारत को पहला टी20 खिताब जीते हुए 11 साल हो गए है और उससे एक दिन पहले ही भारत ने एशिया कप के सुपर फोर में पाकिस्‍तान को आसानी से हरा दिया. उस मैच और इस मैच में काफी फर्क भी रहा. भले ही वह 20- 20 ओवर का खेल हो और यह 50- 50 ओवर का खेल, लेकिन इस एशिया कप में पाकिस्‍तान से हुए दोनों मुकाबलों में दोनों देशों के खेल प्रशंसक खासकर क्रिकेट प्रेमियों में उस मैच जैसा रोमांच ढूंढने की कोशिश जरूर की, जो उन्‍हें नहीं मिला.

वैसे भी उस समय दोनों ही टीमों के खिलाड़ी भी काफी अलग थे, जो रविवार के मैच में नहीं. हां पाकिस्‍तान टीम से शोएब मलिक और भारतीय टीम से महेन्‍द्र सिंह धोनी और रोहित शर्मा ही ऐसा चेहरा थे, जो 2007 में उस मैदान पर मौजूद थे. महेन्‍द्र सिंह धोनी की अगुआई में भारतीय टीम ने पहले टी20 वर्ल्ड कप के फाइनल में पाकिस्‍तान के खिलाफ पांच विकेट पर 157 रन बनाए और जीत के लिए 158 रन का लक्ष्‍य दिया. भारत की ओर से गौतम गंभीर ने सर्वाधिक 75 रन की पारी खेली थी. धोनी 6 ही बना सके और रोहित 30 रन पर नाबाद रह थे. शोएब मलिक की अगुआई ने पाकिस्‍तानी टीम को इरफान खान, आरपी सिंह और जोगिन्‍दर शर्मा ने 152 रन पर ही समेट दिया था. पहले टी20 वर्ल्‍ड कप के खिताबी मुकाबले के मैन ऑफ द मैच रहे इरफान पठान ने 16 रन पर तीन विकेट, आरपी सिंह ने 26 पर तीन और जोगिन्‍दर शर्मा ने 20 रन पर दो विकेट लिए थे. पाकिस्‍तान की ओर से मिस्‍बाह उल हक ने सर्वाधिक 43 रन बनाए थे.

खैर उस खिताब को जीते हुए 11 हो गए है और अब भारत के सामने एशिया कप का फाइनल है, जहां उम्‍मीद लगाई जा रही है कि फाइनल में भारत और पाकिस्‍तान आमने सामने हो और कुछ वैसा ही हाईवोल्‍टेज मैच देखने को मिले, जिसकी कमी इस एशिया कप में पाकिस्‍तान के हुए पिछले दो मुकाबलों में रह गई थी.