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आज का दिन: जब वर्ल्ड कप सेमीफाइनल में टीम इंडिया के साथ क्रिकेट भी हुआ शर्मिंदा...

भारत के सामने जीत के लिए 252 रनों का लक्ष्‍य था, लेकिन 34.1 ओवर के करीब दर्शको ने हुड़दंग मचा दिया

FP Staff

हमारे देश में क्रिकेट के प्रति लोगों का दीवानापन 1996 के वर्ल्ड कप में देखने को मिला, जिसे आज भी सिर्फ भारत में नहीं पूरी दुनिया में याद किया जाता है. खासकर श्रीलंका के क्रिकेट इतिहास में, वे जब भी अपने वर्ल्ड कप खिताब को देखते होंगे, भारत के खिलाफ खेला गया सेमीफाइनल पहले याद आता होगा. मैच था भी कुछ ऐसा.

कोलकाता के ईडन गार्डन में 13 मार्च 1996 को खेले गए टूर्नामेंट के पहले डे नाइट सेमीफाइनल में भारत ने टॉस जीतकर मेहमान टीम को पहले बल्लेबाजी का न्योता दिया और श्रीलंका ने इस फायदा उठाते हुए 8 विकेट पर 251 रन बनाए. अब बारी भारत की थी, लेकिन भारत ने 34.1 ओवर में 120 रन पर 8 विकेट गंवा दिए. भारतीय प्रशंसको को हार सामने दिखने लगी थी और ऐसे में वहां भारतीय प्रशंसको ने ऐसा कुछ कर डाला कि मैच रैफरी ने उसी समय मैच रोक कर श्रीलंका को विजेता घोषित कर दिया. श्रीलंका ने फाइनल में आॅस्ट्रेलिया को हराकर पहली बार वर्ल्ड कप का खिताब अपने नाम किया था.


सचिन ने खेली थी 65 रन की पारी

सचिन तेंदुलकर और नवजोत सिद्धू पारी का आगाज करने मैदान पर आए, लेकिन श्रीलंका अटैक के पास भारतीय बल्लेबाजों ने घुटने टेक दिए और सिर्फ तेंदुलकर 65 ही अधिक समय तक मैदान पर टिक पाए. संजय मांजरेकर 25 रन और विनोद कांबली ने नाबाद 10 रन बनाए. इनके अलावा कोई भी बल्लेबाज 10 रन से अधिक की पारी नहीं खेल पाया.

भारतीय टीम की ऐसी हालत देखकर भारतीय प्रशंसको ने अपना संयम खो दिया और मैदान में हुंडदंग मचाने लगे. बोतलें, कैन, प्लास्टिक बैग और जो कुछ भी उनके हाथ में था वह सब मैदान पर फेंकने लगे. इस घटना के कुछ मिनटों बाद मैच रैफरी क्लाइव लॉयड ने श्रीलंका को विजेता घोषित किया.

आंसूओं के साथ कांबली मैदान से आए थे बाहर

जब यह सब हुआ, उस समय विनोद कांबली और अनिल कुंबले मैदान पर थे और श्रीलंका को विजेता घोषित करके के बाद कांबली रोते हुए मैदान से बाहर आए थे.

(फोटाे साभार: यूट्यूब)