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आज का दिन,14 मार्च: जब लक्ष्मण-द्रविड़ ने भारत में क्रिकेट के वजूद पर छाए खतरे को किया नेस्तनाबूद

आज ही के दिन 2001 में लक्ष्मण -द्रविड़ ने कोलकाता में बिना आउट हुए 335 रन जोड़कर भारतीय क्रिकेट पर मंडरा रहे खतरे को खत्म कर दिया था

Sumit Kumar Dubey

अलग-अलग धर्म और संस्कृति के सवा सौ करोड़ से ज्यादा भारतीयों को कोई चीज अगर एकजुट करती है तो वह है क्रिकेट. इस खेल को भारत में अगर धर्म का दर्जा हासिल है को इसकी वजह क्रिकेट के खेल में आए ऐसे वो कई मुकाम हैं जिन्होंने इतिहास के पन्नों में अमिट जगह बनाई है. ऐसा ही एक इतिहास आज ही के दिन यानी 14 मार्च 2001 को कोलकाता के ईडन गार्डंस में रचा गया था.

यह वो दिन था जब राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण पूरे दिन बल्लेबाजी करके इस देश में क्रिकेट के भविष्य पर मंडरा रहे खतरे को खत्म कर दिया. कैसा था वह मुकाबला और कैसी थी इन दोनों बल्लबाजों की पारियां, यह जानने से पहले हमे उस वक्त के हालात को समझने की जरूरत हैं.


भारत में खतरे में था क्रिकेट का वजूद

यह वो दौर था जब भारतीय क्रिकेट साख के संकट के गुजर रहा था. मैच फिक्सिंग की खबरों ने एक आम खेलप्रेमी का विश्वास हिला दिया था. टीम के खराब प्रदर्शन के बाद मास्टर ब्लास्टर सचिन तेंदुलकर कप्तानी छोड़ चुके थे और नए कप्तान सौरव गांगुली को टीम की कमान संभाले बहुत कम वक्त हुआ था.

ऐसे हालात में उस वक्त की अपराजेय कही जाने वाली स्टीव वॉ की ऑस्ट्रेलियाई टीम टीम भारत दौरे पर आई. इस टीम में मैथ्यू हेडन, रिकी पोंटिंग, एडम गिलक्रिस्ट, मार्क वॉ, शेन व़ॉर्न, गलेन मैक्ग्रा और जेसन गिलेस्पी जैसे धाकड़ खिलाड़ी थे. यह टीम लगातार 15 टेस्ट मैच जीतकर भारत आई थी.

सीरीज में 0-1 से पीछे थी टीम इंडिया

सीरीज का पहला टेस्ट मुंबई में हुआ. ताकतवर कंगारू टीम ने भारत को 10 विकेट से रौंदकर लगातार 16 वीं टेस्ट जीत हासिल की. दूसरा टेस्ट कोलकाता के ऐतिहासिक ईडन गार्डंस में खेला गया.

ऑस्ट्रेलिया ने कप्तान स्टीव वॉ के शतक की मदद से पहली पारी में 445 रन बनाए. हरभजन सिंह ने हैट्रिक ली.

कप्तान गांगुली ने खेला दांव

खेल के तीसरे दिन भारतीय टीम 171 रन पर ऑल आउट हो गई. इस पारी में वीवीएस लक्ष्मण के 59 रन शामिल थे. दसरी पारी में फॉलोऑन खेलते हुए भारत 274 रन से पीछे था. भारत की दूसरी पारी में कप्तान सौरव गांगुली ने लक्ष्मण को तीसरी पोजिशन पर भेजा. दूसरी पारी में लक्ष्मण ने शतक लगाया लेकिन बाकी बल्लेबाजी फिर नाकाम रही तीसरे दिन का खेल खत्म होने तक लक्ष्मण 109 और दूसरे छोर पर द्रविड़ सात रन पर नाबाद थे.

भारत का स्कोर चार विकेट पर 254 रन था और वह ऑस्ट्रेलिया की पहली पारी के स्कोर से भी 20 रन पीछे था. भारत की हार अवश्यंभावी नजर आ रही थी.

एक ही दिन में बदल गई सीरीज की तस्वीर

14 मार्च 2001 के दिन जब मैच के चौथे दिन का खेल शुरू हुआ तो पूरा खेल ही बदल गया. लक्ष्मण और द्रविड़ ने पूरे दिन बल्लेबाजी की. दोनों ही बल्लेबाजों ने ऑस्ट्रेलिया को उसी की भाषा में आक्रामक जवाब देते हुए पूरे दिन बिना आउट हुए 335 रन रन जोड़ जोड़ दिए.

चौथे दिन का खेल जब खत्म हुआ तो लक्ष्मण 275 और द्रविड़ 155 रन पर नाबाद थे. लक्ष्मण उस वक्त तक किसी भारतीय बल्लेबाज का सर्वाधिक स्कोर बना चुके थे. भारत का स्कोर चार विकेट पर 589 रन था.

पांचवें दिन लक्ष्मण 281 और द्रविड़ 180 रन पर आउट हुए दोनों के बीच पांचवें विकेट के लिए 376 रन की पार्टनरशिप हुई. भारत ने सात विकेट पर 657 रन पारी घोषित की. 384 रन के टारगेट के सामने कंगारू टीम 212 रन पर ढेर हो गई. हरभजन सिंह ने 6 विकेट झटके. भारत ने 171 रन से वह मुकाबला जीत कर ऑस्ट्रेलिया का विजय रथ रोक दिया.

यही नहीं इस टेस्ट में मिली जीत से टीम इंडिया का हौसला इतना बढ़ा कि चेन्नई में भारत ने तीसरा टेस्ट दो विकेट से जीतकर सीरीज पर 2-1 से कब्जा कर लिया.

14 मार्च के दिन लक्ष्मण और द्रविड़ की वो पारियां भारत के किसी भी क्रिकेट प्रेमी के दिलो-दिमाग में हमेशा के लिए बस गई हैं.