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आलोचनाओं पर धोनी ने कहा, मुझमें अब भी है टीम इंडिया की जर्सी पहनने का जज्बा

संन्यास को लेकर उठे सवालों पर बोले, हर किसी की अपनी-अपनी राय होती है

Bhasha

महेंद्र सिंह धोनी ने टी 20 अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने को लेकर उठे सवालों और आलोचनाओं को मजबूती से खारिज करते हुए कहा कि हर किसी की जीवन के बारे में अपनी-अपनी राय होती है. पूर्व भारतीय क्रिकेटरों जिसमें अजित अगरकर भी शामिल हैं, ने धोनी के टी-20 में भविष्य पर सवाल उठाए थे जिससे देश के क्रिकेट जगत में हलचल मच गई थी. यहां तक कि पूर्व बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण भी धोनी के टी-20 करियर पर अगरकर की तरह की ही राय रखते हैं.

हालांकि दो बार की विश्व कप विजेता टीम का कप्तान इससे जरा भी परेशान नहीं दिखता. जब धोनी से अगरकर की टिप्पणी के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘हर किसी के जीवन के बारे में अपने विचार होते हैं और इनका सम्मान किया जाना चाहिए.’ धोनी ने युवा भारतीय टीम के कप्तान के तौर पर 2007 में शुरुआती टी-20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप जीता.


 

धोनी दुबई अपनी वैश्विक क्रिकेट अकादमी को लांच करने के लिए पहुंचे थे.  उन्होंने दुबई की पैसिफिक वेंचर्स के साथ मिलकर अपनी पहली अंतरराष्ट्रीय अकादमी ‘एम एस धोनी क्रिकेट अकादमी’ का उद्घाटन किया. धोनी ने भारत के 2014-15 में ऑस्ट्रेलिया दौरे के दौरान टेस्ट क्रिकेट से संन्यास ले लिया था और इसके बाद उन्होंने 2016 में सीमित ओवर की टीम कप्तानी भी छोड़ दी थी जिसके बाद विराट कोहली ने खेल के तीनों प्रारूपों में भारतीय टीम की कप्तानी संभाली.

दूसरे टी-20 मैच में  जूझते दिखने पर उठे सवाल

भारतीय टीम राजकोट में न्यूजीलैंड के खिलाफ दूसरे टी-20 अंतरराष्ट्रीय मैच में 40 रन से हार गई, जिसमें धोनी बल्लेबाजी में जूझते दिखे जिसके बाद उनके संन्यास को लेकर सवाल खड़े हुए. 36 वर्षीय दिग्गज क्रिकेटर को हालांकि लगता है उनमें अब भी भारतीय टीम की जर्सी पहनने का जज्बा है. उन्होंने कहा, ‘सबसे बड़ी प्रेरणा भारतीय क्रिकेट टीम का हिस्सा होना है. आपने ऐसे क्रिकेटर भी देखे हैं जिन्होंने अपनी मेहनत से मुकाम हासिल किया है, लेकिन फिर भी वे बहुत आगे तक पहुंचे हैं. ऐसा उनके जुनून की वजह से हुआ है. कोचों को उन्हें ढूंढने की जरूरत है. हर कोई देश के लिए नहीं खेलता.’

उन्होंने कहा, ‘मैंने हमेशा ही माना है कि नतीजों से अहम प्रक्रिया होती है. मैंने कभी भी परिणाम के बारे में नहीं सोचा, मैंने हमेशा यही सोचा कि उस समय क्या करना ठीक होगा. भले ही तब 10 रन की जरूरत हो, 14 रन की जरूरत हो या फिर पांच रन की जरूरत हो. मैं इस प्रक्रिया में ही इतना शामिल रहा कि मैंने कभी भी इस बात का बोझ नहीं लिया कि तब क्या होगा, अगर नतीजे मेरे हिसाब से नहीं रहे.’

युवाओं को हैलीकाप्टर शॉट से दूर रहने की सलाह 

उनके ट्रेडमार्क हैलीकाप्टर शॉट के बारे में पूछने पर धोनी ने कहा कि वह नहीं चाहेंगे कि कोई युवा इस तरह के शॉट का इस्तेमाल करे क्योंकि इसमें चोटिल होने की संभावना ज्यादा है. धोनी ने कहा, ‘यह ऐसी चीज है जो मैंने सड़क पर टेनिस गेंद से क्रिकेट खेलने के दौरान सीखी है. यह मुश्किल है. टेनिस गेंद से क्रिकेट खेलने से बल्ले के निचले हिस्से भी गेंद हिट हो जाती है और काफी दूर तक जाती है, लेकिन सामान्य क्रिकेट में इसे बल्ले के मध्य में होना चाहिए इसलिए इसमें मेहनत की जरूरत होती है. मैं नहीं चाहता कि वे हैलीकाप्टर शॉट खेलें क्योंकि इससे वे चोटिल हो सकते हैं,’