view all

बीसीसीआई को झटका, बिना इजाजत नहीं ले सकते चैंपियंस ट्रॉफी से हटने का फैसला

सीओए ने बीसीसीआई को मेल करके ऐसा फैसला न करने का आदेश दिया

Bhasha

पिछले कुछ दिनों से लगातार बीसीसीआई का कोई न कोई अधिकारी नाम न छापने की शर्त पर चैंपियंस ट्रॉफी से हटने की बात कर रहा है. तमाम अखबारों में इस तरह की बातें छपी हैं. इस बीच अब सीओए यानी सुप्रीम कोर्ट की तरफ से नियुक्त प्रशासकों की समिति ने बीसीसीआई को मेल किया है. विनोद राय की अगुआई वाली समिति ने साफ किया कि सीओए की स्वीकृति के बिना बीसीसीआई के पदाधिकारियों को भारत के चैंपियंस ट्राफी में हिस्सा लेने के बारे में कोई फैसला करने का अधिकार नहीं है.

आईसीसी के राजस्व और संचालन मॉडल में बदलाव के विरोध पर मतदान में बीसीसीआई की हार के बाद भारत के चैंपियंस ट्रॉफी में हिस्सा लेने को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं. इसके बाद राय ने यह टिप्पणी की है.


राय ने पीटीआई से कहा, ‘हां, हमने निर्देश जारी किए हैं कि आईसीसी राजस्व मॉडल से संबंधित कोई भी फैसला आम सभा की विशेष बैठक (एसजीएम) में लिया जाना चाहिए. लेकिन बीसीसीआई इकाइयों को कहा गया है कि वे हमारी मंजूरी के बिना चैंपियंस ट्रॉफी से हटने के संदर्भ में कानूनी नोटिस जारी नहीं कर सकते.’

सीओए को यह फरमान जारी करने को मजबूर होना पड़ा है. उन्हें पता चला है कि बीसीसीआई के पूर्व अध्यक्ष एन श्रीनिवासन के 10 विश्वासपात्रों ने टेलीकांफ्रेंस की जहां टूर्नामेंट से हटने और वैश्विक संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई के विकल्प पर चर्चा की गई. बीसीसीआई की एसजीएम सात मई को होनी है.

राय ने कहा, ‘हमारी जानकारी में लाया गया है कि कुछ अधिकारियों ने टेलीकांफ्रेंस की है और इस मामले में फैसला करना चाहते हैं. यह समझने की जरूरत है कि इस तरह का फैसला जल्दबाजी में नहीं किया जा सकता. चैंपियंस ट्रॉफी से हटने के कारण भारत अगले आठ साल तक आईसीसी टूर्नामेंट में नहीं खेल पाएगा. कुछ सदस्य इस पर फैसला नहीं कर सकते.’

राय ने कहा कि अगर स्थिति आती है कि भारत को चैंपियंस ट्रॉफी से हटने की जरूरत है तो बीसीसीआई एसजीएम में मतदान के पात्र सभी 30 सदस्यों का सर्वसम्मत फैसला होना चाहिए. उन्होंने कहा,  ‘ऐसा फैसला नहीं हो सकता जहां कुछ हटने के पक्ष में हो और कई सदस्य इस फैसले के खिलाफ हों. अगर आप मुझसे पूछो तो यह बड़ा कदम तभी लिया जाना चाहिए जब सभी 30 सदस्य सर्वसम्मति से फैसला करें कि हटना जरूरी है.’ बीसीसीआई अधिकारियों का एक वर्ग पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष शशांक मनोहर की अगुआई वाली वैश्विक संस्था के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का प्रस्ताव पारित कराना चाहता है.

अगर बीसीसीआई एसजीएम में टूर्नामेंट से हटने का फैसला किया जाता है तो पूरी संभावना है कि सीओए उच्चतम न्यायालय से निर्देश ले सकता है. पिछले महीने आईसीसी बोर्ड बैठक में प्रस्तावित राजस्व माडल को लेकर हुए मतदान में बीसीसीआई को 1-13 से शिकस्त का सामना करना पड़ा था.